उत्तर प्रदेश और बिहार का आम बजट आज विधानमंडल में पेश होगा। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और आखिरी बजट पेश करेगी वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद बतौर वित्तमंत्री अपना पहला बजट सदन के पटल पर रखेंगे। बिहार के वित्तीय वर्ष 2021-22 के इस बजट का आकार करीब 2.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है। जो कि गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के 2.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वहीं, यूपी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट हो सकता है। इसका आकार 5.25 लाख करोड़ से 5.50 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
यूपी के बजट में क्या कुछ होगा खास
योगी सरकार श्रमिकों, किसानों, बेरोजगारों व महिलाओं को राहत देने के लिए नई योजनाएं ला सकती है। बजट में हर वर्ग की उम्मीदें पूरी करने की कोशिश होगी। कोरोना संकट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को बड़ा बजट देते हुए कोरोना वैक्सीन सभी के लिए मुफ्त करने की घोषणा हो सकती है।
महिला सशक्तीकरण के अलावा गंगा किनारे के गांवों में शाम की आरती के लिए गंगा चबूतरा के लिए रकम रखी जाएगी। स्कूल-कालेज के छात्र छात्राओं को टैबलेट या लैपटाप देने का चुनावी वायदा इस बार पूरा हो सकता है। बजट में असंगठित क्षेत्र के एक करोड़ श्रमिकों को दुर्घटना व स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिलाने की तैयारी है। तलाकशुदा महिलाओं व परित्यक्ता महिलाओं के लिए छह हजार रुपये की पेंशन देने की व्यवस्था हो सकती है। पिछले बजट में इसके लिए पैसे की व्यवस्था नहीं हो पाई थी। मंड़ियों की बेहतरी के लिए भी बड़ी रकम का इंतजाम होगा।
बिहार के बजट में क्या कुछ होगा खास
बिहार के बजट में जहां कोरोना महामारी के प्रभावों से उबरने के उपायों संग स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस रहेगा, वहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मुख्य बिंदु होगा। बजट में सात निश्चय पार्ट-2 के जरिए आत्मनिर्भर बिहार के संकल्प को साकार करने और खासकर बिहार के गांवों की खुशहाली पर ध्यान दिए जाने की संभावना है।
बजट को लेकर रविवार को भी तैयारियों को अंतिम रूप दिए जाने का सिलसिला चलता रहा। बीते साल के बजट में गैर योजना मद में 105995 करोड़ और योजना मद में 107766 करोड़ था। इस बार गैर योजना मद की वृद्धि की संभावना है। वहीं बजट के केंद्र में स्वस्थ बिहार की परिकल्पना दिखेगी। पीएमसीएच को विश्व प्रसिद्ध अस्पताल बनाने के लिए भी बजट में राशि का प्रावधान किया जाएगा। शिक्षा के सबसे बड़ा कंपोनेंट रहने की उम्मीद है, जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सरकार का फोकस है। इसके अलावा बजट में ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। बिहार के गांव चमकेंगे। ग्रामीण संपर्कता के साथ ही जल-जीवन-हरियाली के तहत हर खेत तक पानी पहुंचाने के सरकार के संकल्प की झलक बजट में दिखेगी।