नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के हालात को गंभीर बताया है. राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में पीएम ने कहा कि हमें टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही कोरोना टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ानी होगी.
पीएम ने सुझाव दिया कि राज्यों में गवर्नर के नेतृत्व में सभी दलों की एक मीटिंग हो. जितने भी चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं, सबको इस बैठक में बुलाया जाए. इससे दुनिया में एक संदेश जाएगा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश एकजुट है. पीएम ने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं है. जिन्हें राजनीति करनी है, वे कर ही रहे हैं लेकिन हमें एक नई पहल करनी होगी. हमें प्रो-एक्टिवली टेस्टिंग पर जोर देना होगा.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देश के युवाओं से भी आग्रह करूंगा कि आप अपने आसपास जो भी व्यक्ति 45 साल के ऊपर के हैं, उन्हें वैक्सीन लगवाने में हर संभव मदद करें. शहरों में बहुत बड़ा वर्ग गरीब वर्ग भी रहता है, उसे वैक्सीन के लिए ले जाएं. वैक्सीन लगवाने के बाद भी लापरवाही नहीं बरतें. हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी एक राज्य में सारी कोरोना वैक्सीन रखकर अच्छा परिणाम मिल जाए तो इससे कोई फायदा नहीं होगा. इसके लिए हमें वैक्सीन मैनेजमेंट करना होगा. पीएम मोदी ने कहा,’ क्या हम 11 से 14 अप्रैल अपने प्रदेशों में टीका उत्सव मना सकते हैं. मैंने भारत सरकार को भी बोला है कि जितनी मात्रा में वैक्सीन पंहुचा सकते हैं, पहुचाएं. देश में 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले जी की और 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जन्म जयंती है. हम इन दोनों की जयंती को ‘टीका उत्सव’ के रूप में मना सकते हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें कोरोना वैक्सीन की बर्बादी से बचना है. इस वैक्सीन का एक-एक टीका हमारे लिए बहुत जरूरी है. हमें इसका सही इस्तेमाल करना होगा. हमें कंटेनमेंट जोन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण करना होगा. जिससे कोरोना महामारी समाज में और आगे न फैल सके.’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम कोरोना के इस पीक को बहुत तेजी से नीचे ला सकते हैं. इसके लिए हमें TEST, TRACK और TREAT पर काम करना होगा. हम जितना ज्यादा टेस्ट करेंगे, उतना अच्छा रहेगा. हमें टेस्टिंग का लेवल इतना ज्यादा बढ़ाना होगा कि कोरोना संक्रमण की दर 5 प्रतिशत की दर से नीचे आ जाए.
पीएम मोदी ने कहा,’अब पहले की अपेक्षा हमारे पास संसाधन ज्यादा हैं, वैक्सीन भी हैं. अब हमारे पास इस बीमारी को लेकर अनुभव भी ज्यादा है. यह हम सबके लिए प्लस पॉइंट है. जबकि इससे पहले ऐसा कुछ नहीं था. जिसके चलते हमें लॉकडाउन लगाने को मजबूर होना पड़ा. उस लॉकडाउन की अवधि में हमने देश में स्वास्थ्य ढांचा बढ़ाने पर काम किया. अब हमारा जोर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर होना चाहिए. जहां रात्रि कर्फ्यू लगाए गए हैं, वहां कोरोना कर्फ्यू शब्द का इस्तेमाल करें.’
source:-zee news