बिहार में पंचायती राज व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए नीतीश सरकार बड़े पैसे की तैयारी में है. बिहार में अब ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर पंचायत राज एक्ट 2006 में संशोधन करने की तैयारी है. राज्य के अंदर अब 7000 से कम आबादी वाले गांव भी पंचायत बन पाएंगे पंचायती राज विभाग में इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है.
कैबिनेट की स्वीकृति के बाद संशोधन विधेयक बिहार विधानमंडल के आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा. सदन में पास होने के बाद यह संशोधन एक्ट का हिस्सा बन जाएगा. नए नगर निकायों के गठन की प्रक्रिया में कई ग्राम पंचायतों का हिस्सा उसमें शामिल हो गया है. इसके बाद ऐसे प्रभावित ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है. इससे संबंधित दिशा-निर्देश जिला अधिकारियों को जारी कर दिया गया है. राज्य के अंदर जो अभी पंचायत राज एक्ट लागू है, उसमें पंचायतों की आबादी का अलग मापदंड है. अब तक के पंचायत पुनर्गठन के लिए 7000 की आबादी के सर्च है लेकिन इसे घटाकर 3000 किए जाने की शर्त है.
राज्य सरकार एक्ट में जो संशोधन करने जा रही है, उसके मुताबिक के विशेष परिस्थितियों में 7000 से कम की आबादी पर भी जिलाधिकारी ग्राम पंचायत क्षेत्र की घोषणा कर पाएंगे. राज्य में तकरीबन 200 ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जिनका पुनर्गठन किया जाना है. वर्ष 2091 की जनगणना के आधार पर जहां 3000 या उससे अधिक की आबादी है, उसे ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा. अगर किसी गांव की आबादी इस से कम होगी तो उसे निकटतम ग्राम पंचायत का हिस्सा बना दिया जाएगा.