पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच बुधवार दोपहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई. करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में छह एजेंडा पर मुहर लगी. बैठक से पहले RTPCR जांच में सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा दो अन्य मंत्री अशोक चौधरी और सुनील कुमार कोरोना संक्रमित पाए गए. इसके बाद इन मंत्रियों ने खुद बैठक में शामिल होने के बजाय ऑनलाइन शामिल होने का विकल्प चुना।
बिहार सरकार के एक और मंत्री जनक राम बैठक में शामिल होने के लिए सचिवालय पहुंचे, लेकिन वह भी बैठक हॉल में नहीं गए और बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए. इसके पीछे कारण बताया गया कि उन्होंने कोरोना टेस्ट नहीं कराया था। बैठक में शामिल हुए सभी मंत्रियों के कोरोना जांच के लिए एक दिन पहले सैंपल लिए गए थे.
कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को मिलता रहेगा मुआवजा
मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इस दौरान कोरोना महामारी से मरने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की सहायता जारी रखने का निर्णय लिया गया. इसके लिए सरकार की ओर से चालू वित्त वर्ष में 105 करोड़ रुपए की अग्रिम मंजूरी दी गई है। आपको बता दें कि बिहार इकलौता राज्य है जो एक लाख रुपये मुआवजा दे रहा है।
नगर निकायों से संबंधित प्रस्तावों की स्वीकृति
बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के अनुसार एक नगर निकाय और तीन नगर निकायों के क्षेत्र विस्तार की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह वैद्य, शहीद नाथून प्रसाद यादव, शील भद्रयाजी, स्व. मुगल सिंह और एस. डूमर प्रसाद सिंह के सम्मान में बख्तियारपुर में प्रतिमा स्थल बनाने और प्रत्येक वर्ष 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई।