एससी-एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जमीन पर उतारने की पहल शुरू हो गयी है. राज्य सरकार ने सभी विभागों से सभी कैडरों में कार्यरत एससी-एसटी कर्मियों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को आदेश जारी कर सभी विभागों और जिलों व मातहत कार्यालयों में कार्यरत एससी-एसटी कर्मियों का आंकड़ा 10 फरवरी तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. यह आंकड़ा आने के बाद सरकार के स्तर पर इस पर मंथन होगा. इसके बाद प्रमोशन संबंधी निर्णय लिये जा सकेंगे.
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में सोमवार को ऑनलाइन हुई विशेष बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ एस सिद्धार्थ समेत अन्य सभी विभागों के प्रमुख मौजूद थे. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को 10 फरवरी तक सभी कैडरों में स्वीकृत पद, कार्यरत कर्मियों की संख्या, खाली पद और स्वीकृत व खाली पदों पर एससी-एसटी कर्मियों की संख्या मांगी है.
अब सभी विभागों को यह आंकड़ा सामान्य प्रशासन विभाग को मुहैया कराना होगा. इसके बाद विभाग के स्तर पर इस आंकड़े की समुचित समीक्षा करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की कवायद शुरू की जायेगी.
ऐसे बनेगा आंकड़ा
किसी कैडर में स्वीकृत पदों की संख्या 100 है. इनमें 30 पदों पर लोग कार्यरत हैं और 70 पद खाली हैं. विभाग को देखना है कि भरे हुए 30 पदों में एससी-एसटी कर्मियों की संख्या कितनी है? यदि निर्धारित आरक्षण के तहत एससी कर्मियों की संख्या 16 नहीं होती है, तो जितनी संख्या कम है, उतने पद खाली 70 पदों को भरे जाने के समय आरक्षित करने होंगे.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने जरनैल सिंह वनाम अन्य मामले में 28 जनवरी को दिये अपने फैसले में सभी कैडरों में एससी-एसटी कर्मियों के प्रतिनिधित्व में कमी का आंकड़ा जुटाने के निर्देश दिये गये है. इसी आलोक में बिहार सरकार की ओर से पहल शुरू हुई है.