Breaking News: 1 हजार प्राइवेट स्कूलों पर खतरा, अधर में लटकी मान्यता; जानें क्या है वजह

जो स्कूल मानक पूरा भी कर रहे, उनकी मान्यता अभी अधर में है। यह रिपोर्ट 10 जून तक की है। सूबे के 25912 में 12468 प्राइवेट स्कूल मान्यता को लेकर कागजी मानक भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

शिक्षा विभाग के मानक पर खरे नहीं उतरने के कारण मुजफ्परपुर जिले के लगभग एक हजार स्कूलों की मान्यता अधर में लटक गई है। जिला समेत राज्य के 25912 में 12468 प्राइवेट स्कूल मान्यता को लेकर कागजी मानक भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इन स्कूलों के कागजात पहले चरण में ही रद्द हो गए हैं।

मुजफ्फरपुर में एक हजार से अधिक आवेदन आए। इसमें 468 की जांच का आदेश मिला मगर अधिकारियों की लेटलतीफी से एक भी निजी स्कूल को अभी तक मान्यता नहीं मिली है। जो स्कूल मानक पूरा भी कर रहे, उनकी मान्यता अभी अधर में है। यह रिपोर्ट 10 जून तक की है। मान्यता को लेकर शिक्षा विभाग को किए गए ऑनलाइन आवेदन और विभिन्न जिलों से मिली रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सामने आए आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। सभी स्कूलों को शिक्षा विभाग से एनओसी अर्थात मान्यता लेनी है।

टॉप में नालंदा, सीतामढ़ी और प.चम्पारण जिला…प्राइवेट स्कूलों की जांच कर उन्हें मान्यता देने में टॉप थ्री में नालंदा, सीतामढ़ी और प.चम्पारण जिला है। नालंदा में 619 में 370 को एनओसी यानि शिक्षा विभाग से मान्यता मिल गई है। सीतामढ़ी में 606 में 302 को मान्यता मिल गई है, वहीं प.चंपारण में 672 में 196 को मान्यता मिल गई है।

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67 फीसदी स्कूल नॉन एफिलिएटेड…डीईओ अब्दुस सलाम अंसारी ने बताया कि एनओसी के लिए आवेदन करने वालों में 67 फीसदी स्कूल नॉन एफिलिटेड हैं। भौतिक जांच 468 स्कूल की करनी है। इसमें भी जो स्कूल मानक पूरा करेंगे, उन्हें मान्यता मिलेगी। रिपोर्ट बीईओ से ली जा रही है।

बीईओ ने 202 की जांच रिपोर्ट दी…1024 निजी स्कूलों ने आवेदन किया, जिनमें कागज के आधार पर 468 को फाइनलाइज किया गया। इनमें बीईओ द्वारा 202 की जांच की रिपोर्ट दी गई। एनओसी एक भी स्कूल की जेनरेट नहीं हुई है।