मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय द्वारा अब 27 विषयों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पीएटी) -2020 में आवेदन के लिए पोर्टल नहीं खोला जाएगा। विश्वविद्यालय ने PAT-2020 के आयोजन की तिथि घोषित कर दी है। पीएचडी प्रवेश परीक्षा 25 अगस्त को छह केंद्रों पर होगी। इसके लिए विवि की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। पीएटी-2020 के नोडल अधिकारी प्रो. प्रमोद कुमार ने बताया कि गुरुवार को विश्वविद्यालय में अधिकारियों की बैठक के बाद परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया। साथ ही पोर्टल नहीं खोलने पर बताया गया कि आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद न तो किसी पीजी परीक्षा का रिजल्ट आया है और न ही नेट का। इसलिए पोर्टल खोलने का कोई औचित्य नहीं है। इस पर अधिकारियों ने सहमति जताई है। बताया कि इसमें करीब साढ़े चार हजार उम्मीदवार हिस्सा लेंगे। करीबी परीक्षा में दोनों पेपरों में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। कुल 200 अंकों की परीक्षा होगी। बताया कि जो उम्मीदवार आवेदन नहीं कर सके वे पीएटी-2021 में शामिल हो सकेंगे। इस परीक्षा के ठीक बाद खाली सीटों पर अक्टूबर में PAT-2021 आयोजित किया जाएगा।
1414 सीटों पर हो रहा पीएटी
1414 सीटों के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा-2020 आयोजित की जा रही है। इस बार वाणिज्य और प्रबंधन में अलग-अलग सीटें हैं। पहली बार शिक्षा के विषय से सीटें सृजित की गई हैं।
समाज के उत्थान के लिए शिक्षा जरूरी
मुजफ्फरपुर : संत रविदास महासंघ के बैनर तले गुरुवार को मंतोष राम की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय छायाकर ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए शिक्षा जरूरी है। उन्होंने समाज की एकता पर जोर दिया। प्रभु राम ने समाज के हित में आर्थिक सहयोग का आग्रह किया। विकास राम, नरेश मांझी, दिनेश मांझी, मो. हदीस, वकील, गणेश राम, नगीना मांझी, दीपक कुमार, संजीत कुमार, अजय मांझी, अजय कुमार, अनिल कुमार, राजू कुमार राम, राजन कुमार, जहींद्र राम, मोहन मांझी, पप्पू राम, जितेंद्र राम, सुरेश मांझी, शिवजी मांझी, मुन्ना राम, एन.एस. साबिर, शंकर मांझी आदि उपस्थित थे।