शराबबंदी पर बीजेपी ने नीतीश सरकार को घेरा, पूछा- जदयू बताए, शराब से मरे 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा?

बिहार के नालंदा जिले में शनिवार को जहरीली शराब का सेवन करने से अभी तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इस बीच राज्य में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए बीजेपी अब शराबबंदी पर आर-पार करने को तैयार है। बीजेपी नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि सीएम नीतीश की शराबबंदी पूरी तरह से फेल हो चुकी है। ऐसे में इस कानून की समीक्षा होनी चाहिए। रविवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्षा संजय जायसवाल सवाल करते हुए पूछा है कि जदयू बताए, क्या नाालंदा में शराब से मरे 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा?

संजय जायसवाल ने कहा है कि नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा? क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां जाकर सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है। अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए, क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना। यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है।

प्रदेश बीजेपी ने आगे कहा कि दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी। 10 वर्ष का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें। तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है, जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है। इसको पकड़ना भी बहुत आसान है। इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं, जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे। जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।

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