नौकरी भी देने लगे बिहार के साइबर ठग, 25 से 30 हजार रुपए दे रहे सैलरी; पटना से दो एजेंट धराए

Cyber Crime in Bihar: लोगों के बैंक अकाउंट से रुपये उड़ाने वाले साइबर जालसाज काफी शातिर हो गए हैं। जालसाजी कर रुपयों की निकासी करने के लिए गिरोह अब सैलरी पर एजेंट रखने लगा है। इनके माध्यम से फर्जी आधार और पैन कार्ड के जरिए बैंक खाते खुलवाए जाते हैं और फिर उनकी पासबुक और एटीएम कार्ड मांग लेते हैं। गिरोह इस काम के लिए एजेंट को 25 से 30 हजार रुपये महीना देते हैं। एजेंट जो अकाउंट खोलते हैं उनकी पासबुक और एटीएम कार्ड सरगना को मिल जाती है। वे उस खाते में जालसाजी की रकम भेजकर निकासी कर लेते हैं। पटना से शेखपुरा और गया जिले के दो युवकों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने ये खुलासा किया है।

आइसीआइसीआइ बैंक में पहुंचे थे खाता खोलवाने

पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि पुलिस को इसकी जानकारी तब हुई, जबकि गिरोह के लिए बैंक अकाउंट खुलवाने वाले दो जालसाज एजेंटों को गिरफ्तार किया गया। दोनों शनिवार को डाक्टर कालोनी स्थित आइसीआइसीआइ बैंक की शाखा में फर्जी दस्तावेज लेकर खाता खुलवाने पहुंचे थे। उनकी गतिविधि संदिग्ध देख दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। एक की पहचान गया के गहलौर घाट निवासी राहुल कुमार और दूसरे की पहचान शेखपुरा के गेहु निवासी शिबू के रूप में हुई है।

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काफी संख्‍या में बैंक पासबुक और मोबाइल फोन भी मिले

दोनों के पास से पुलिस ने काफी संख्या में पासपोर्ट साइज फोटो, फर्जी आधार कार्ड, चेक, फर्जी पैन कार्ड तथा विभिन्न बैकों के खाते और कई मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। दोनों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह शेखपुरा निवासी सोनू, उज्ज्वल और राकेश के लिए काम करते हैं। अब पुलिस तीनों की तलाश में दबिश दे रही है।

दोनों की साइबर अपराधियों से ट्रेन में हुई थी मुलाकात

राहुल और शिबू ने पूछताछ में बताया कि वे कुछ माह पहले काम की तलाश में बेंगलुरु जा रहे थे। उसी दौरान ट्रेन में सोनू, उज्ज्वल और राकेश से मुलाकात हो गई। सफर के दौरान तीनों बातचीत के बहाने उनके पास आये और उन्हें पटना में ही रहकर काम करने के एवज में 25 से 30 हजार तक की सैलरी देने का प्रलोभन दिया। दोनों उनकी बातों में आ गए। उन्हें बताया गया कि आप लोग अलग-अलग बैंकों में जितना अधिक से हो सके, खाता खुलवाकर खाता और एटीएम कार्ड हम लोगों को दे दीजिए। वे दोनों रास्ते से वापस लौट आए और जालसाज गिरोह के लिए काम करने लगे।

Source-dainik jagran