बिहार में 27-28 जुलाई से एक बार फिर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के जोर पकड़ने के आसार बन रहे हैं. दरअसल बंगाल की खाड़ी में बन रहा निम्न दबाव का क्षेत्र /चक्रवाती सिस्टम विकसित हो रहा है. बंगाल की खाड़ी में चल रही इन मौसमी गतिविधियां से बिहार को एक बार फिर आस बंध गयी है.
जानकारी के मुताबिक अगले तीन दिन किसी तरह का मौसमी सिस्टम या ट्रफ लाइन बिहार के ऊपर से इसके आसपास से नहीं गुजर रही है. इससे तापमान में जबरदस्त इजाफे के आसार बनने जा रहे हैं. फिलहाल शुक्रवार को बिहार में मात्र 1.3 मिलीमीटर बारिश हुई है. इस तरह बिहार में 542.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
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मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग के ऊपर चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ है. अगले दो-तीन दिनों में वह निम्न दबाव क्षेत्र में बदल जायेगा. लिहाजा यह तटवर्ती क्षेत्र में माॅनसून को सक्रिय करने में सक्षम होगा. इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ से आगे तक कुछ हिस्सों में अच्छी-खासी मात्रा में बारिश होने के आसार बन रहे हैं. दूसरी ओर म्यांमार पर बने हुए मौसमी सिस्टम का बचा हुआ बंगाल की खाड़ी में पहुंच सकता है. इसकी वजह से 26 जुलाई तक एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की उम्मीद है।
दरअसल यह दोनों सिस्टम 27 या 28 जुलाई तक बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के ऊपर डिप्रेशन को और भी प्रभावशाली बना सकता है. इसकी वजह से लगभग पूरे देश में बारिश होने की पूरी संभावना है. दरअसल जुलाई में अभी तक ट्रफ लाइन का सिरा बिहार से शिफ्ट हो चुका है.कमोबेश उत्तरी भारत में यही स्थित है. उत्तरी भारत में केवल उत्तरप्रदेश और बिहार ही राज्य ऐसे हैं, जहां अभी सामान्य से अधिक बारिश हुई है. शेष राज्यों से मॉनसून कमोबेश रूठा हुआ है।
Source-prabhat khabar