Bihar Weather: बिहार के 14 जिलों में बारिश-ठनका का येलो अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी की एडवाइजरी
BIHAR में चक्रवातीय परिसंचरण के प्रभाव से रविवार को मौसम का मिजाज बदल गया है। आसमान में बादल छाए रहने के कारण लोगों को गर्मी से कुछ हद तक राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को दक्षिण बिहार के 14 जिलों के एक या दो स्थानों पर बूंदाबांदी की भी संभावना है।
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इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ही आंधी और बिजली गिरने का भी अनुमान है। इसको लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार से बुधवार तक राज्य के अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
चक्रवाती हवाओं के कारण बदला मौसम रडार और सैटेलाइट से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिम में समुद्र तल से औसतन 3.1 किलोमीटर ऊपर स्थित है। वहीं, एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी असम और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से औसतन 0.9 किलोमीटर ऊपर मौजूद है। इसके संयुक्त प्रभाव और पूर्वी व पश्चिमी हवाओं के मिश्रण से निचले वायुमंडल की आर्द्रता बढ़ गई है। इसके कारण 24 घंटे के दौरान राज्य के दक्षिणी हिस्से के जिलों में एक-दो स्थानों पर बूंदाबांदी की संभावना है। जबकि उत्तर बिहार में मौसम शुष्क रहेगा।
चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण आसमान में बादल छाए रहे। इसके कारण रविवार को अधिकतम तापमान में 3.5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। राजधानी पटना समेत 24 शहरों में अधिकतम तापमान में गिरावट और 7 में बढ़ोतरी दर्ज की गई। 40.1 डिग्री के साथ राज्य का सबसे गर्म जिला बक्सर रहा। पटना के अधिकतम तापमान में 1.1 डिग्री की गिरावट आई। पटना का अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विभाग ने बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, लखीसराय, जहानाबाद और बेगूसराय जिलों के लिए बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। रविवार रात से राजधानी पटना सहित प्रदेश के कई शहरों में हवा चली।
मौसम विभाग ने इस बार भीषण गर्मी जल्दी पड़ने की चेतावनी दी है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि कृषि, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में खुले इलाकों में काम करने वाले श्रमिकों के काम के घंटे कम कर दिए जाएं। आईआईटी गांधीनगर में पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रमुख विमल मिश्रा ने कहा, ऐसी परिस्थितियों में गहन श्रम से शरीर की गर्मी इस स्तर तक बढ़ सकती है कि मृत्यु की संभावना हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि वैज्ञानिकों ने मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ती प्रौद्योगिकियां मौसम पूर्वानुमान मॉडल का पूरक होंगी, जिनका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है।