बिहार में पटना उच्च न्यायालय ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (stet) परिणाम (Bihar stet result 2019) जारी करने के बारे में अपना फैसला दिया है। इस निर्णय के बाद, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का काम शुरू किया जाएगा। इस फैसले के बाद बिहार में करीब 37 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो जाएगा। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) को भविष्य में बिहार STET का पाठ्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया है।
पटना हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के परिणाम को लेकर चल रही याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन इमानुल्लाह की एकल पीठ ने आदित्य प्रकाश और अन्य द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में कोई कानूनी हस्तक्षेप नहीं होगा। अपने फैसले के साथ, अदालत ने बिहार सरकार को आदेश जारी किया है कि जल्द से जल्द इस कोर्स के लिए काम शुरू किया जाए।
37355 शिक्षकों की होगी भर्ती
इस निर्णय के बाद, कयास लगाए जा रहे हैं कि लंबे समय से बाधित माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसमें वर्तमान में 37 हजार 335 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इस याचिका के कारण भर्तियां नहीं हो सकीं। हालांकि, अदालत ने राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आगामी परीक्षाओं के लिए एसटीईटी का पाठ्यक्रम बनाने का भी आदेश दिया है।
क्या मामला था?
बिहार में शिक्षक भर्ती की अधिसूचना के आधार पर, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 37 हजार 335 शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। माध्यमिक के लिए 25 हजार 270 पद और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए 12 हजार 65 पद हैं। बता दें कि एसटीईटी सात साल के बाद की गई थी और इसमें आयु सीमा भी दी गई थी। माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 के लिए अधिसूचना सितंबर 2019 में जारी की गई थी और ऑफलाइन परीक्षा 28 जनवरी, 2020 को आयोजित की गई थी। चार केंद्रों पर पाठ्यक्रम के प्रश्न पूछे जाने पर परीक्षा में खलबली मच गई थी। इन असंतुष्ट छात्रों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
Source:-tv9