पटना। कोरोना त्रासदी के बीच में, कई चीजें हैं जो मानवीय पहलुओं को जीवित करती हैं, जबकि कई ऐसे हैं जो इस आपदा को कमाई के अवसर के रूप में देख रहे हैं। विशेष रूप से राजधानी पटना में, कई अस्पताल और उनके कर्मी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में लगे हुए हैं। पटना जिला प्रशासन ने अब ऐसे तत्वों पर सख्त रुख अपनाया है। जिला प्रशासन ने उसी क्रम में पटना के चार अस्पतालों में छापे और पूछताछ की। बिना अनुमति और मनमानी फीस वसूलने की आ रही शिकायतों पर यह कार्रवाई की गई है।
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने राजधानी के 3 अस्पतालों को नोटिस जारी किया है। इसमें कोविद मरीजों को बिना अनुमति के ओम पाटलिपुत्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी तरह बिना अनुमति के कोविद मरीजों को भर्ती करने के आरोप में ऑक्सीजन अस्पताल को भी नोटिस जारी किया गया है। जबकि फेडरल विनायक अस्पताल को मरीजों और उनके परिजनों से मनमाना पैसा वसूलने के आरोप में नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं, अनियमितताओं से संबंधित शिकायतों के बाद पटना के प्रसिद्ध राजेश्वर अस्पताल प्रबंधन से भी पूछताछ की गई है।
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आपको बता दें कि इन निजी अस्पतालों से, इलाज के नाम पर निर्धारित सीमा से अधिक लेना, कोविद अस्पताल में पंजीकृत नहीं होने के बावजूद रेमेडिसवीर दवा की उपलब्धता में गड़बड़ी, संक्रमित लोगों को भर्ती करने के लिए, पैसा इकट्ठा करने और प्रवेश पाने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं है। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन की टीम ने चारों अस्पतालों की जांच की और नोटिस दिया गया है।
प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि अगर इन अस्पतालों से नोटिस का जवाब सही तरीके से नहीं मिला, तो अस्पताल का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी अस्पताल को मनमानी या गड़बड़ी की शिकायत मिलती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने लोगों से अपील की है कि अगर उनके पास इलाज या किसी तरह की समस्या या शिकायत है तो वे वहां तैनात मजिस्ट्रेट से शिकायत कर सकते हैं।
Source-news18