बिहार में करीब साढ़े चार महीने बाद पहली से आठवीं तक के स्कूल खुले हैं। सरकार के आदेश पर करीब एक लाख प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन सोमवार से शुरू हो गया है। हालांकि अभिभावकों में कोरोना का काफी डर देखा जा रहा है। डर की वजह से कम ही अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल जाने की इजाजत दी है। कई स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति न के बराबर है।
बिहार सरकार ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि स्वतंत्रता दिवस के अगले किदन यानी 16अगस्त से पहली से आठवीं तक के विद्यालय खोल दिए जाएंगे। यही नहीं सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को भी बच्चों को झंडोत्तोलन समारोह में बुलाने की इजाजत दे दी थी। लेकिन सरकार के इस आदेश पर कोरोना का डर भारी पड़ता दिख रहा है। पहले दिन अधिकतर सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति नहीं के बराबर रही। प्राइवेट स्कूलों में भी काफी कम बच्चे पढ़ने आए।
बाढ़ प्रभावित इ लाकों में नहीं खुल सके कई स्कूल
बिहार सरकार के निर्देश पर सोमवार से राज्य के 72 हजार सरकारी प्रारंभिक विद्यालय खुल गए हैं लेकिन स्कूलों में फिलहाल मिड डे मील नहीं दिया जाएगा। उधर, राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई स्कूल नहीं खुल सके हैं। इन स्कूलों में पानी भरा है। लिहाजा वहां पढ़ाई-लिखाई शुरू करने के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा।
कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर सख्ती के निर्देश
स्कूलों को खोलने की इजाजत के साथ ही बिहार सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनज़र प्रोटोकॉल के सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं। शनिवार को सभी जिलों के समाहर्ता और जिला शिक्षा अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आदेश दिया था कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विद्यालयों में कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए।
शिक्षकों को टीका लगवाना जरूरी
इस मीटिंग में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए टीके की दोनों डोज लगवाना जरूरी है। उन्होंने कहा था कि राज्य के विद्यालय अब पूरे समय तक चलने चाहिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को नियमित रूप से विद्यालयों के निरीक्षण का आदेश भी दिया था। उन्होंने कहा था निरीक्षण के क्रम में यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विद्यालयों में कक्षाओं के संचालन में कोरोना प्रोटोकाल और साफ-सफाई का पालन सुनिश्चित हो रहा हो। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
शिक्षकों का वेतन भुगतान का आदेश
शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से शिक्षकों के बकाए वेतन के भुगतान और अन्य समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को किसी भी हालत में कार्यालयों का चक्कर लगाने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए। यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
Source-hindustan