बिहार के महान लोक पर्व छठ के अगले ही दिन 12 नवंबर को बिहार समेत देश भर के स्कूलों के बच्चों के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) का आयोजन किया जाना है. इस सर्वे के दौरान केंद्र सरकार हर राज्य के सरकारी स्कूलों की चार कक्षाओं के बच्चों का सैंपल सर्वे करेगी ताकि पता चल सके कि उनकी शैक्षणिक उपलब्धि क्या है.
ज्ञान अर्जन के स्तर, विशेषकर आयु एवं वर्ग-वार, को केन्द्र सरकार द्वारा अपने स्तर पर कड़ा किया जायेगा तथा परिणाम के आधार पर उनके शैक्षिक उन्नयन हेतु राज्य सरकार के सहयोग से विशेष प्रयास किये जायेंगे। यह सर्वे कक्षा 3, 5, 8 और 10 के लिए किया जाना है।
इन कक्षाओं में भाषा, गणित, ईवीएस, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों से संबंधित सर्वेक्षण होगा। बिहार के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि विभिन्न सर्वेक्षणों में उम्र-सापेक्ष और वर्ग-सापेक्ष ज्ञान की उपलब्धि उत्साहजनक नहीं रही है. ऊपर से पिछले दो साल से पढ़ाई पर कोरोना का बुरा असर पड़ा है।
इसको लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को विशेष तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण राज्य के स्कूलों में शिक्षण कार्य काफी देर तक बाधित रहा.
हालांकि, दूरदर्शन द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं और स्कूल चलाए गए हैं। बीईपी निदेशक ने जिलों के डीईओ से कहा है कि वे प्रत्येक छात्र में आयु-सापेक्ष प्रवीणता और कक्षा-सापेक्ष शिक्षण परिणाम की जांच करवाएं। इसके लिए भी मूल्यांकन सामग्री (NASA-2017) का उपयोग करें। जांच के बाद शिक्षा की खाई को पाटने के लिए विशेष शिक्षा अभियान भी चलाया जाए।