BIHAR POLITICS: जनता दल यूनाइटेड (JDU) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM नीतीश कुमार) के साथ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के विलय की अटकलों के बीच पार्टी में बगावत तेज हो गई है। पिछले 10 दिनों में आरएलएसपी के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को शनिवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उनके करीबी राज्य महासचिव विनय कुशवाहा (विनय कुशवाहा) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। विनय कुशवाहा सहित 41 लोगों ने आरएलएसपी का विकल्प चुना।
कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के कामकाज से नाखुश पार्टी में टूट की प्रक्रिया अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि हमने पार्टी के संस्थापक के रूप में एक साथ काम किया है, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नीतियों से नाखुश हैं। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ राज्य के कुशवाहा समाज को 15 साल तक उकसाने का आरोप लगाया है।
कहा कि अब व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण यह पार्टी टूट रही है। उनका सौदा जदयू के साथ हुआ है। किसी भी पार्टी का जेडीयू में विलय हो सकता है। इसलिए, हमारे साथ 41 लोगों ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है और जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के व्हाट्सएप पर भेज दी गई है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते भी रालोसपा के कई नेता पार्टी छोड़कर जदयू की सदस्यता से जुड़े थे।
इसमें से आरएलएसपी यूथ सेल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ। हरेंद्र सिंह तोमर का नाम सबसे बड़ा था। उनके साथ, भोजपुर जिले के कई और आरएलएसपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की। तब सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया और कहा कि बिहार में जेडीयू का कोई विकल्प नहीं है।