BIHAR POLITICS : तेजस्वी यादव ने पूछा हाथी-घोड़े की गिनती हो सकती है तो OBC की क्यों नहीं…?

बिहार में एक बार फिर जाति जनगणना का मुद्दा गरमा गया है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसे लेकर एक बार फिर सरकार को घेरने की कोशिश की है.

तेजस्वी ने बयान जारी कर कहा है कि बीजेपी बिहार के दोनों सदनों में जाति जनगणना का समर्थन करती है, लेकिन संसद में ही बिहार की कठपुतली पिछड़ा वर्ग के राज्य मंत्री से जाति जनगणना न कराने की घोषणा ही करती है. केंद्र सरकार ओबीसी जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती है? पिछड़ा/अति पिछड़ा वर्ग बीजेपी से इतनी नफरत क्यों करता है?

तेजस्वी यादव ने कहा कि जनगणना में जानवरों की गिनती की जाती है. कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोड़ा, शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सब गिनते हैं। कौन किस धर्म का है, उस धर्म की संख्या कितनी है, इसकी गणना की जाती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित, उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या समस्या है? इनकी गणना के लिए जनगणना प्रपत्र में केवल एक कॉलम जोड़ना होता है। इसके लिए कोई अतिरिक्त लागत नहीं है। यानी सरकार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

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विपक्ष के नेता ने कहा कि जब तक पिछड़े वर्गों की वास्तविक संख्या का पता नहीं चलेगा, तब तक उनके कल्याण के लिए योजनाएं कैसे बनेंगी? उनकी शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बेहतरी कैसे होगी? उनकी संख्या के अनुपात में बजट का आवंटन कैसे होगा? कौन हैं वो लोग जो नहीं चाहते कि देश के संसाधनों में सबको बराबर का हिस्सा मिले? हमारी पार्टी ने जाति जनगणना के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ती रहेगी। यह देश के बहुसंख्यक यानी हाशिए पर पड़े, उपेक्षित, उपहासित, उत्पीड़ित वर्गों के 65 प्रतिशत से अधिक के वर्तमान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। मोदी सरकार पिछड़े वर्ग के हिंदुओं की गिनती क्यों नहीं करना चाहती, क्या उन पिछड़े वर्ग के 70-80 करोड़ लोग हिंदू नहीं हैं?

तेजस्वी यादव इस मामले को लेकर काफी मुखर रहे हैं, लेकिन लोकसभा में एक सवाल में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 2021 की जनगणना के साथ केंद्र सरकार सिर्फ एससी-एसटी वर्ग के लोगों की गिनती के पक्ष में है. . केंद्र सरकार का यह फैसला राजद-जदयू समेत बिहार के लगभग सभी राजनीतिक दलों की भावनाओं के विपरीत है.