BIHAR POLITICS: तेजस्वी ने कहा- बिहार सरकार नौकरानियां नहीं दे रही है, जबाब में संजय सिंह ने कह दी बड़ी बात..

BIHAR POLITICS: -पटना, राज्य ब्यूरो। राजद नेता तेजस्वी यादव ने युवाओं को नौकरी देने के मुद्दे पर बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों की याद दिलाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह बिहार के युवाओं को 20 लाख रोजगार और नौकरियां नहीं दे पाएगी। तेजस्वी ने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी, तो मेरा वादा था कि पहला फैसला पहली कैबिनेट में दस लाख नौकरियां देने का होगा। इधर, जदयू के विधान पार्षद और प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि तेजस्वी अपना चेहरा शीशे में देखकर डर गए हैं।

स्वास्थ्य सेवा पर सरकार की घेराबंदी

तेजस्वी ने भाजपा और जदयू सरकार पर जाति-धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य के युवा अब सबक सिखाने के लिए दृढ़ हैं। तेजस्वी ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को हीन बताने के लिए महालेखाकार और NITI Aayog की रिपोर्ट का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि मैंने पहले भी सदन में स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी दी थी।

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NITI Aayog की रिपोर्ट का संदर्भ लिया

तेजस्वी ने कहा कि अब NITI Aayog ने भी बिहार के स्वास्थ्य को सभी मापदंडों में सबसे नीचे रखा है। बिहार में 69 प्रतिशत डॉक्टरों, 92 प्रतिशत नर्सों और 56 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है। राज्य सरकार को बताना चाहिए कि राज्य में ऐसी स्थिति क्यों है? 16 वर्षों तक बिहार राज्य के लिए सरकार को कौन ज़िम्मेदार ठहराएगा? सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अकबर या हड़प्पा काल?

आप अपना चेहरा शीशे में देखकर घबरा क्यों जाते हैं

जेडीयू के विधान पार्षद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता, संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को अपना चेहरा दर्पण में देखने से डर क्यों लगता है? आप उसके माता-पिता के शासनकाल की चर्चा से क्यों डरते हैं? तेजस्वी यादव को पता होना चाहिए कि बिहार ने पिछले सोलह सालों में चौतरफा विकास किया है। कानून और व्यवस्था को समाप्त करके कानून का शासन स्थापित किया गया था।

जेडीयू पार्षद ने बेहतरी के आंकड़ों की गणना की

संजय सिंह ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक क्षेत्र, बुनियादी ढांचा, आर्थिक क्षेत्र, अल्पसंख्यक कल्याण, महादलित उत्थान आदि सभी विकसित हैं। वर्ष 2005 से पहले, 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे और आज केवल शून्य प्रतिशत बाहर हैं। बिजली की प्रति व्यक्ति खपत 70 यूनिट थी जो आज 332 है। पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रति माह 39 मरीज आते थे, जो आज 15 हजार से अधिक है।