BIHAR POLITICS: पटना, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना, फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बधाई…आखिरकार हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन के दिल में क्या चल रहा है? राम मांझी? सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी जीतन राम मांझी इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही वह एनडीए के घटक दलों के नेताओं से निजी तौर पर मुलाकात कर रहे हैं। क्या यह सब मांझी की राजनीति की नियमित प्रक्रिया है या इनके पीछे कोई रहस्य है? लालू के लिए मांझी के प्यार का क्या मतलब है? ऐसे कई सवाल हैं, जो बिहार के सियासी गलियारे में पूछे जा रहे हैं. हालांकि मांझी का कहना है कि वह एनडीए में हैं और आगे भी करते रहेंगे.
मांझी ने लालू को दी शादी की सालगिरह की बधाई
मंगलवार को लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की 48वीं शादी की सालगिरह के मौके पर जीतन राम मांझी ने बधाई दी. कहा कि उन्हें हमेशा स्वस्थ और खुश रहकर जनता की सेवा करनी चाहिए। इतना ही नहीं मांझी ने अगले दिन बुधवार को अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का भी ऐलान किया. यह बैठक आज हो चुकी है।
पीएम मोदी की आलोचना, मिला विपक्ष का समर्थन
अभी कुछ समय पहले जब जीतन राम मांझी ने एनडीए में रहते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कोरोना टीकाकरण के प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर सवाल उठाया और कहा कि टीकाकरण के प्रमाण पत्र पर अगर मोदी की तस्वीर है तो मृत्यु प्रमाण पत्र भी होना चाहिए. कहने की जरूरत नहीं है कि मांझी के बयान को विपक्ष का समर्थन मिला. जबकि एनडीए असमंजस में था।
सीएम नीतीश की तारीफ, बीजेपी पर साधा निशाना
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मुद्दे पर मांझी बार-बार बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा चुके हैं. साथ ही कोरोना पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की. साफ है कि उनके निशाने पर बीजेपी कोटे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे हैं.
मुकेश साहनी पर हुआ था कयास
इस बीच मांझी ने एनडीए की घटक विकास इंसान पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री मुकेश साहनी से मुलाकात की है. इस बैठक को लेकर मांझी ने कहा कि उन्होंने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों पर बात की. ये ‘अन्य मुद्दे’ क्या थे, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है।
मांझी को लेकर महागठबंधन ने खोले दरवाजे
इस बीच विपक्षी महागठबंधन ने मांझी को लेकर अपने दरवाजे खोलकर अलग-अलग संकेत दिए हैं. राजद नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि एनडीए में मांझी को वह तवज्जो नहीं मिल रही जिसके वह हकदार हैं. राजद में शामिल होने की संभावना के बारे में उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है. वहीं कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जीतन राम मांझी आज एनडीए में हैं, लेकिन वे पुराने कांग्रेसी हैं. मांझी का एनडीए से मोहभंग होता दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस उनका स्वागत करती है.
सवाल यह है कि मांझी क्या चाहते हैं?
सवाल यह है कि मांझी क्या चाहते हैं? बिहार की राजनीति में दल-बदल का इतिहास रखने वाली मांझी को फिर तलाश है नया तट? मांझी ऐसी किसी भी संभावना को खारिज करते हैं। बुधवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने कहा कि वह एनडीए में हैं और एनडीए में ही रहेंगे और गरीबों के मुद्दों पर आवाज उठाते रहेंगे. जाहिर है मांझी ने सत्ताधारी दल में रहते हुए सरकार को सलाह देने वाले अपने बयानों को गरीबों के पक्ष में आवाज बताया है.