BIHAR POLITICS: पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि सरकार भले ही मरने वालों की संख्या को कम करने में व्यस्त है, लेकिन बिहार में स्थिति भयावह है। उन्होंने कहा कि हमने खुद को इतना असहाय, असमर्थ महसूस नहीं किया। एक इंसान होने के नाते, विनती करना, मदद माँगना, पीड़ित होना, सभी ज़रूरतमंदों की मदद करने में सक्षम नहीं हैं। कहा कि अगर अस्पतालों में फोन लगाया जाता है तो जवाब आता है, हम कुछ नहीं कर सकते, कोई बिस्तर नहीं है। कोई इंजेक्शन नहीं है, कोई ऑक्सीजन नहीं है। मदद कैसे करें
उन्होंने दावा किया कि बिहार के 10 जिलों में 5 से अधिक वेंटिलेटर नहीं हैं। यह शर्म की बात है कि बिहार के जिला मुख्यालय में वेंटिलेटर ऑपरेटर भी नहीं हैं? अफसरों का फोन आता है तो फोन बजता रहता है। कोई नहीं उठाता। कहा कि ऐसी कोई समर्पित हेल्पलाइन नहीं है जहां लोग बेड, ऑक्सीजन या दवाओं की उपलब्धता के बारे में वास्तविक जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ लोग कालाबाजारी, मुनाफाखोरी से परेशान हैं। कहा कि हमारी पार्टी और कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे हैं।
Also read:-CORONA ALERT! बिहार में शिक्षा विभाग के कार्यालयों पर कोरोना का असर, कई कार्यालय बंद..
जेडीयू: हर दिन तेजस्वी का सामने आना…
राज्य जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार किया और कहा कि आपकी गंदी राजनीति उजागर हो रही है। महामारी के इस युग में, हमारे डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों ने साहस और धैर्य नहीं छोड़ा है, लेकिन विपक्ष के नेता होने के बावजूद, आप फरार हैं। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर निरंतर काम जारी है। कोरोना जैसी भयावहता में, कोई भी बुनियादी ढांचा कम हो जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे संघर्ष के लिए छोड़ दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता का दिल जानते हैं और उनके सुख-दुख में शामिल होते हैं।
जेडीयू प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं द्वारा प्रतिदिन अवसरवादी राजनीति का चेहरा उजागर किया जा रहा है। एक तो यह कि आप बिहार के लोगों को एक महामारी में छोड़ देते हैं और दूसरे प्रचार के लिए हर दिन बयानबाजी करते हैं। अगर हिम्मत है तो बिहार की धरती पर आइए। जनता के पास जाएं और अपना दुख साझा करें। नीतीश कुमार जमीन से जुड़कर लगातार काम करते हैं।