पंचायत चुनाव से पटना जिले के 743 कर्मचारियों को छुटटी दे दी गई है। ये कर्मचारी कैंसर, हृदय, किडनी, लीवर तथा हड़डी रोग से गंभीर रूप से पीडित थे। 18 और 19 सितंबर को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में पंचायत चुनाव में डयूटी लगाए गए ऐसे कर्मचारी जो बीमार हैं, उनके लिए मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया था।
मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद 743 कर्मचारियों को चुनाव कराने या शारीरिक रूप से काम करने में अक्षम बताया। मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर ऐसे कर्मचारियों को चुनावी डयूटी से अलग कर दिया है। मेडिकल बोर्ड में कुल 1379 आवेदन आए हुए थे, जिसमें 743 को गंभीर रूप से पीड़ित पाया गया। 539 ऐसे कर्मचारी थे जिन्हें सामान्य बीमारी थी, जिसमें खांसी, बुखार, जोड़ों में दर्द, आंख और कान में परेशानी आदि थी। मेडिकल बोर्ड ने ऐसे कर्मचारियों को काम के योग्य पाया। बोर्ड ने जिलाधिकारी को अनुशंसा की है कि जो लोग सामान्य रूप से पीड़ित हैं ऐसे लोगों से काम लिया जा सकता है। आवेदन करने वालों में 57 ऐसे थे जो मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इसीलिए ऐसे कर्मचारियों को भी काम करने को कहा गया है। मेडिकल बोर्ड के दूसरे दिन यानि 19 सितंबर को शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए कैंप आयोजित किया गया था।
डॉक्टरों ने विकलांग लोगों में ज्यादातर को कार्य करने में अक्षम बताया इसीलिए उनकी भी डयूटी पंचायत चुनाव में नहीं लगेगी। बता दें कि पंचायत चुनाव के लिए कर्मचारियों का ट्रेनिंग शुरू है। कई कर्मचारियों ने बीमारी का कारण बताकर ट्रेनिंग में भाग नहीं लिया था। उन्हें उम्मीद थी कि मेडिकल बोर्ड द्वारा काम नहीं करने की अनुशंसा कर दिए जाने के बाद उन्हें डयूटी से मुक्त कर दिया जाएगा लेकिन ऐसे 539 कर्मचारी पाए गए हैं जो बीमारी का कारण बताकर चुनावी कार्य से अलग होना चाहते थे लेकिन मेडिकल बोर्ड ने उनकी अनुशंसा नहीं की है।
Source-hindustan