जिन मुखियों पर योजनाओं में गड़बडी करने का आरोप है तथा पंचायती राज विभाग की ओर से दोषी करार नहीं दिया गया है। ऐसे मुखिया या पंचायत प्रतिनिधि इस बार का पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि रोहतास जिले के चेनारी प्रखंड के 10 मुखियों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है, लेकिन पटना में 8 दागी मुखियों पर अभी तक पंचायती राज विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसीलिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया गया है।
पिछले एक माह से पटना में आठ मुखियों के चुनाव को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन पंचायती राज विभाग द्वारा उन्हें अब तक दोषी करार नहीं दिया गया है। इसीलिए चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगायी गयी है। इसमें पालीगंज, धनरूआ, पटना सदर, नौबतपुर और बिहटा प्रखंडों के मुखिया शामिल थे। उन पर आरोप था कि नली गली तथा जल जीवन हरियाली मद में मिली राशि का दुरुपयोग किया है। कई मुखिया ने काम नहीं होने के बावजूद पैसे की निकासी कर ली थी।
कई मुखियों पर आरोप था कि योजना के मद में अधिक पैसे का भुगतान कर दिया है। ऐसी स्थिति में जिला पंचायत राज पदाधिकारी की अनुशंसा पर डीएम ने पिछले साल इन मुखियों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा था लेकिन विभाग की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है और न ही इस संबंध में दिशानिर्देश प्राप्त हुआ। इसीलिए ऐसे मुखियों के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई है।
Source-hindustan