Bihar Panchayat Chunav:चुनाव आयोग को क्यों है 20 मई का इंतजार?

पटना।  बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए स्थिति अभी तक साफ नहीं हुई है।  कोरोना संकट के दौर में जहां चुनाव को लेकर संदेह है, वहीं पंचायत चुनाव में देरी से राज्य की पंचायती राज सरकार के बारे में कानूनी संकट भी पैदा हो सकता है।  बता दें कि राज्य में जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, पंच और वार्ड सदस्यों के करीब ढाई लाख पदों के लिए बिहार में चुनाव होने हैं।  सभी पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में, यदि चुनाव 15 जून से पहले नहीं होते हैं, तो मुखिया सहित सभी पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छीन लिए जाएंगे।

 ऐसी खबरें हैं कि कोरोना संकट के इस समय में भी चुनाव स्थगित हो सकते हैं।  यदि समय से पंचायत चुनाव नहीं कराए जाते हैं, तो इस स्थिति में राज्य सरकार के अधिकारियों को पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी देने की स्थिति पैदा होगी।  ऐसी स्थिति में, एक अध्यादेश के माध्यम से नीतीश कुमार सरकार पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन करना होगा।  बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने भी ऐसी स्थिति के लिए तैयारी शुरू कर दी है। 

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वास्तव में, चुनाव आयोग की पूरी तैयारी के बावजूद, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण अब समय पर पंचायत चुनाव होने की संभावना नहीं है।  बता दें कि इससे पहले राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव पर विचार करने के लिए 21 अप्रैल को 15 दिन का समय लिया था।  तब कहा गया था कि इसकी समीक्षा की जाएगी, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।  उस समय, चुनाव आयोग का विचार था कि इन दिनों में कोरोना कम हो जाएगा, लेकिन तब से कोरोना की गति कम होने के बजाय बढ़ गई है और बिहार में सक्रिय कोरोना रोगियों की संख्या 1 लाख को पार कर गई है।

 ऐसे में बिहार राज्य चुनाव आयोग ने भी लगभग मान लिया है कि हालात में जल्द सुधार नहीं होने वाला है।  जाहिर है, ऐसी स्थिति में चुनाव की तारीखों की घोषणा संभव नहीं होगी।  चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, वह 20 मई तक इंतजार कर सकता है। यदि 20 मई तक कोरोना संक्रमण की दर में भारी गिरावट आती है, तो चुनाव अधिसूचना जारी की जा सकती है।  तब मतदान केवल दो या तीन चरणों में हो सकता है।  लेकिन, अब लगता है कि 20 मई के बाद भी चुनाव आयोग चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाएगा।

Source-news18