Bihar Panchayat Chunav: नेपाल में पैदा हुई (Born in Nepal) और बिहार में ब्याही गई महिलाएं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण की दावेदारी नहीं कर सकेंगी। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने साफ कर दिया है कि जिन महिलाओं के पिता का घर नेपाल में है, लेकिन उनका विवाह नेपाल से लगते बिहार के किसी भी जिले में हुआ है उन्हें चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
दो दिन बाद जारी हो जाएगी अधिसूचना
बिहार में पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 24 अगस्त को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना होगी। इसके साथ ही छह अलग-अलग पद के लिए प्रत्याशी नामांकन कर सकेंगे। चुनावी तारीखों का एलान होने के बाद कई जिलों के निर्वाची पदाधिकारियों ने आयोग से मार्गदर्शन मांगा था। जिलाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी जानना चाहते थे कि वैसी महिला जिनका पैतृक गांव-घर नेपाल में है, वे बिहार में पंचायत चुनाव लड़ सकती हंै अथवा नहीं। साथ ही उन्हें प्रविधान के मुताबिक आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है या कि नहीं। जिस पर सम्यक विचार के बाद आयोग ने इस संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किया है।
पिता के मुताबिक तय होगी उम्मीदवार की जाति
गाइड-लाइन में आयोग ने स्पष्ट किया है कि सर्वमान्य स्थिति यह है कि किसी भी महिला की जाति का निर्धारण उसके पिता से जाति से होता है, नहीं कि पति की जाति से। विवाहित महिला जिसके पिता का घर नेपाल में है, परंतु ब्याह के बाद संबंधित महिला ने भारत की नागरिकता ग्रहण कर ली है वह बिहार में पंचायत चुनाव तो लड़ सकती है, लेकिन नेपाल से जारी जाति प्रमाण-पत्र पर आरक्षण का दावा नहीं कर सकती है।
आयोग ने पटना हाई कोर्ट के एक आदेश का हवाला भी दिया है। आयोग ने कहा है कि नागरिकता के संबंध में सीडब्ल्यूजेसी नं. 19108/2020 में पारित आदेश के बाद एलपीए नंबर 139/2020 में 12 अक्टूबर, 2020 को सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इस संबंध में नागरिकता को लेकर न्यायादेश भी दिया है।