बिहार के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के तहत नियुक्त लगभग चार लाख शिक्षकों को वेतन में 15% वृद्धि के लिए इंतजार करना होगा। उन्हें कुछ महीने पुराने वेतन ढांचे का ही फायदा उठाना है। हालांकि, वित्त विभाग की मंजूरी से अप्रैल 2021 से उनके मूल वेतन का 15 प्रतिशत बकाया के रूप में प्राप्त किया जाएगा। इन शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ कब तक मिलेगा इस सवाल पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है। वेतनवृद्धि का लाभ स्वीकृत होते ही देय होगा।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर महीने में राज्य सरकार ने सभी नियोजित शिक्षकों के वेतन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी कर उन्हें ईपीएफ का लाभ देने का फैसला किया था। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में एक प्रस्ताव भी जारी किया गया। 1 अप्रैल 2021 को शिक्षकों को देय मूल वेतन को वर्तमान वेतन संरचना से 15 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया गया। उन्हें यह लाभ उनके अप्रैल 2021 के वेतन से ही मिलना था। लेकिन इस सप्ताह शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए स्वीकृति आदेश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूर्व निर्धारित वेतन संरचना में केवल 15% वेतन वृद्धि के कार्यान्वयन के संबंध में विभाग स्तर से औपचारिक आदेश जारी होने तक ही देय होगा।
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है। मूल वेतन में वृद्धि के साथ सभी शिक्षकों के वेतन तालिका में भी बदलाव होगा। वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने पर सभी नियोजित शिक्षकों को उनके मूल वेतन में 15% की वृद्धि के साथ वेतन भुगतान के संबंध में जिलों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा. इन सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने तक शिक्षकों को बढ़ी हुई वेतन राशि का इंतजार करना होगा।