पटना जिले में 10 हजार ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कोरोना से बचाव के लिए पहला टीका तो ले लिया है, लेकिन दूसरा डोज लेने की जब बारी आई तो इनके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। कई लोगों का मोबाइल नंबर ही अंकित नहीं है। अब ऐसे लोगों को दूसरी डोज देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से खोजबीन शुरू कर दी गई है।
दरअसल, यह मामला तब प्रकाश में आया जब पटना जिले में लगभग 80 हजार लोगों को दूसरा डोज देने के लिए अभियान शुरू किया गया। अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, उनमें अधिकांश लोगों का मोबाइल नंबर संपर्क करने पर गलत बता रहा है, जबकि कुछ लोगों का मोबाइल नंबर बंद है। छानबीन में पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीका लेने के बाद लोगों द्वारा जो कागजात दिए गए हैं, उनमें कई लोगों का मोबाइल नंबर ही अंकित नहीं किया गया है। इसमें डाटा इंट्री ऑपरेटरों की गलती मानी जा रही है। इस काम में अब टास्क फोर्स से मदद ली जा रही है।
टीकाकरण अभियान के नोडल अधिकारी और एडीएम विनायक मिश्रा का कहना है कि सबसे पहले जो लोग टीका लेना चाह रहे हैं, उन्हें दिया जा रहा है। उसके बाद जिन से संपर्क हो रहा है, उनकी सूची बनाई जा रही है। अंत में ऐसे लोग जिनका मोबाइल नंबर सही नहीं है या उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है, उनको टीका देने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
Source-hindustan