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पटना, राज्य ब्यूरो। कोविड के चलते इस बार भी श्रावणी मेला व त्योहार स्थगित होना तय है. सावन का महीना 23 जुलाई से शुरू हो रहा है, लेकिन सुल्तानगंज से लेकर मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर तक इसकी कोई खास तैयारी नहीं है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत मंदिरों में ताले लटके हुए हैं।
तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए धार्मिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई है, इसलिए राज्य के विभिन्न जिलों और मंदिरों के आसपास श्रावणी मेलों और त्योहारों के आयोजन की उम्मीद नहीं है. पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद का भी कहना है कि सभी तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में निकट भविष्य में किसी मेले, त्योहार या किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम की उम्मीद कम ही है.
नया आदेश 6 अगस्त तक
अनलॉक-4 में मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. यह आदेश 6 अगस्त तक प्रभावी बताया जा रहा है, ऐसे में सावन से पहले नए आदेश की उम्मीद भी काफी कम है. विशेष रूप से शिव मंदिरों में भारी भीड़ को देखते हुए सावन के महीने में विश्राम की कोई संभावना नहीं है। मेले के आयोजक और स्थानीय प्रशासन भी सरकार के आदेश का हवाला देते हुए मान रहे हैं कि इस बार आयोजन नहीं होगा.
पिछले साल भी नहीं लगा था मेला
कोविड के कारण पिछले साल 2020 में भी श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो सका। सुल्तानगंज से देवघर तक कांवड़ यात्रा नहीं हुई। मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर और जहानाबाद के वनवार में श्रावणी मेला और कांवड़ यात्रा नहीं हो सकी. वनवर पर्वत पर स्थित मंदिर में जलाभिषेक के लिए सोमवार से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है. पिछली बार सावन में सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर को भी बंद किया गया था। ऐसे में स्थानीय प्रशासन लोगों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग आदि कर रहा है.