पटना। कोरोना संक्रमण के बढ़ते जोखिम के कारण, सरकारी नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। इस श्रृंखला में, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने भी एक बड़ा बदलाव किया है और निर्णय लिया है कि सभी लाभार्थी जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अब अगर वे अनाज लेने आते हैं, तो उन्हें पॉश मशीन पर अंगूठा नही लगाना होगा। उनकी आंखों को स्कैन कर पहचान की जाएगी और फिर उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। अंगूठा लगाने से होने वाले कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार, आंखों के स्कैन से संक्रमण का खतरा नहीं होता है और बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया जाता है। इसके लिए सभी जिलों के सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकानदारों को भी इस तकनीक को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए भी ऐसा कदम उठाया जा रहा है, क्योंकि यह कदम उठाने से कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन होगा। बिहार के सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकानदारों को अपने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर काम करने वाले अपने सहायकों के साथ-साथ मास्क, सैनिटाइज़र सहित कोरोना से बचने के लिए सभी एहतियाती उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि मई और जून के महीनों में मुफ्त अनाज दिया जाएगा और ये अनाज पीडीएस दुकानों से प्राप्त किए जाएंगे और उम्मीद है कि पहले से ही कोरोना को देखते हुए दुकानों पर भारी भीड़ होगी। संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी उपाय किए जा रहे हैं। बिहार के खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह का कहना है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लाभ पाने वाले प्रत्येक लाभार्थी को खाद्यान्न मिलना चाहिए, यह हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। इसके साथ ही कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को देखते हुए यह बड़ा फैसला लिया गया है। बिहार में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों की संख्या आठ करोड़ से अधिक है। इस संख्या को देखते हुए, सभी सुरक्षा उपायों को पूरा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
Source-news18