घरों में स्मार्ट टीवी और एलेक्सा जैसे उपकरणों के बढ़ते प्रचलन के कारण भी व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारियां लीक हो रही हैं, जिसका फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं। साइबर अपराध के बढ़ते दायरे को देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) प्रत्येक सप्ताह बुधवार को साइबर जागरूकता विषय पर कार्यशाला आयोजित करेगी।
ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने गुरुवार को पटना के सीबीआइ अधिकारियों के साथ आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी। इसमें साइबर अपराध से सुरक्षा, अनुसंधान, उद्भेदन के साथ भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने आदि के बारे में टिप्स दिए गए। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए आम जनता ही नहीं, बल्कि समाज के खास लोगों को भी सजग होना होगा।
बढ़ती तकनीक व जीवनशैली के कारण मोबाइल, कंप्यूटर एवं इंटरनेट का उपयोग बढ़ा है, जिसे साइबर अपराधों में अप्रत्याशित वृद्धि के संकेत हैं। इसको समझते हुए पुलिस पदाधिकारियों को भी ससमय प्रशिक्षित एवं जागरूक करने की जरूरत है।
1930 पर दें साइबर अपराध की सूचना :- ईओयू के एसपी सुशील कुमार ने सीबीआइ अफसरों को प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि गृह मंत्रालय की साइट साइबर क्राइम डाट गवर्नमेंट डाट इन पर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की व्यवस्था की गई है, जो 24 घंटे कार्यरत रहता है।
इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर 1930 को डायल कर भी सूचना दी जा सकती है। साइबर ठगी की जानकारी यथाशीघ्र देने पर ठगी गई राशि को होल्ड करने या पुन: वापसी का अनुरोध भी किया जा सकता है। कार्यशाला में ईओयू के डीआइजी राजेश त्रिपाठी, सीबीआइ पटना के एसपी अभिषेक शांडिल्य व ईओयू के एसपी पंकज कुमार समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
बरतें यह सावधानी :-
* वाट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर पर अज्ञात काल रिसीव न करें।
* बिना व्यक्तिगत जान-पहचान के फेसबुक मित्र न बनाएं।
* व्यक्तिगत जानकारी, मोबाइल नंबर आदि सार्वजनिक न करें।
* मैसेज से प्राप्त अज्ञात इंटरनेट लिंक पर क्लिक न करें।
* मोबाइल या कंप्यूटर का पासवर्ड या ओटीपी शेयर न करें।