पटना। बिहार में कोरोना की बिगड़ती स्थिति के बाद, अब पटना में निजी अस्पतालों में मजिस्ट्रेट लगाने और ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली एजेंसियों पर सख्ती करने का निर्णय लिया गया है। पटना के कई अस्पतालों में आज अचानक ऑक्सीजन खत्म होने का मामला सामने आया, जिसके बाद वहां कोहराम मच गया। कई अस्पतालों ने डीएम को पत्र लिखकर मांग की थी कि ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए। उसके बाद, पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने एक बैठक करने के बाद तुरंत कदम उठाए और कई फैसले लिए। ऑक्सीजन आपूर्ति एजेंसियों में मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के लिए डीएम। जबकि निजी अस्पतालों में नोडल अधिकारी तैनात करने का फैसला किया।
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कोरोना की बढ़ती स्थिति में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए, कई निजी अस्पतालों ने नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है। अस्पतालों में लगातार बढ़ती भीड़ के कारण भी हंगामा हो रहा है। हाल ही में, सगुना मोर्ह में अस्पताल से ऑक्सीजन बाहर निकलते ही लोग हंगामा करने लगे। अस्पताल के निदेशक अखिलेश सिंह ने कहा कि समस्या के कारण लोग हंगामा कर रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी से प्रशासन को अवगत कराया गया है। रूबन अस्पताल के निदेशक ने यह भी कहा कि ऑक्सीजन की कमी ने कहा कि अस्पताल में 300 सिलेंडर की जरूरत है लेकिन केवल 100 सिलेंडर ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
डीएम ने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने का आश्वासन दिया
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने सभी आपूर्तिकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर के उत्पादन का 90% हिस्सा उपलब्ध कराएं। ताकि सरकारी / निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की नियमित और निर्बाध आपूर्ति हो। पटना में तीन आपूर्तिकर्ता हैं जिनके माध्यम से अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है। मैसर्स उषा एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड बायपास रोड सिपारा, पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल गैसेस प्राइवेट लिमिटेड सबलपुर दीदारगंज और बंशी एयर गैस प्राइवेट लिमिटेड फतुहा हैं। डीएम ने संबंधित एजेंसी को कोरोना संकट के मद्देनजर प्राथमिकता के आधार पर अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, उद्योग विभाग द्वारा अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की जाएगी।
Source-news18