Bihar News-आंधी आए या तूफान बिहार के ग्रामीण इलाकों की बत्ती नहीं होगी गुल

बिहार के ग्रामीण इलाकों में निर्बाध बिजली मुहैया कराने के लिए कंपनी ने विशेष कार्ययोजना बनाई है। आंधी-तूफान या किसी भी तरह की कृत्रिम या प्राकृतिक आपदा आने पर ग्रामीण इलाकों को बिजली मिलती रहे, इसके लिए आपस में 33 केवी के फीडरों को जोड़ा जाएगा। नई व्यवस्था में अगर एक फीडर किसी कारण से बंद भी हो जाएगा तो दूसरे से पावर सब-स्टेशन को बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी। योजना के कार्यान्वयन की मंजूरी मिल चुकी है और मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

ग्रामीण इलाकों में अभी 33केवी के एक फीडर दो पावर सब-स्टेशन से जुड़े हैं। लेकिन इनमें से अधिकतर सब-स्टेशन एक-दूसरे से जुड़े हुए नहीं हैं। इस स्थिति में अगर ट्रांसमिशन लाइन में खराबी आ जाए तो फिर ग्रिड को बंद करने की नौबत आ जाती है। न चाहते हुए भी कंपनी को बिजली आपूर्ति बंद करनी पड़ती है। पावर सब स्टेशन बंद होने से अचानक से दर्जन भर पचायतों में बिजली गुल हो जाती है। इस कारण हजारों लोगों को अंधेरे में रहना पड़ता है। इसलिए बिजली कंपनी ने 33 केवी के फीडर का विकल्प बनाने का निर्णय लिया है। प्रस्तावित योजना में तय किया गया है कि फीडर को आपस में जोड़ दिया जाए। इस विकल्प से यह होगा कि अगर किसी 33 केवी के फीडर में गड़बड़ी आ जाएगी तो दूसरे वैकल्पिक स्रोत से सब स्टेशनों को बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।

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ग्रामीण इलाके में 20 घंटे दी जा रही बिजली

शहरी इलाकों में अभी 22 से 24 घंटे तो ग्रामीण में 18-20 घंटे तक बिजली दी जा रही है। हर घर बिजली योजना से राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या एक करोड़ 62 लाख से अधिक हो गई है। कंपनी इस साल तक 173 ग्रिड सब-स्टेशन बना लेगी। 20 हजार 354 सर्किट किमी ट्रांसमिशन लाइन बिछाए जाएंगे। इससे बिहार में बिजली निकासी क्षमता 14806 मेगावाट की हो जाएगी।

ये फायदे होंगे
राज्य में 33 केवी के फीडर के आपस में जुड़े होने का लाभ यह होगा कि ब्रेकडाउन होने पर भी ग्रामीण इलाकों को आसानी से बिजली आपूर्ति की जाती रहेगी। इस तरह की सुविधा अभी पटना के कुछ वीआईपी इलाकों में उपलब्ध है। शहरी क्षेत्र के फीडर को आपस में जोड़ने की योजना पर पिछले दिनों ही काम शुरू हुआ है। उसी कड़ी में अब ग्रामीण इलाकों में भी चरणवार तरीके से फीडरों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। कंपनी अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में औसतन एक प्रखंड में एक सब स्टेशन है। लेकिन इसका जुड़ाव दूसरे सब स्टेशन से नहीं है। दो प्रखंडों के 33 केवी के फीडर आपस में जुड़ जाएंगे तो किसी एक में खराबी आ भी जाए तो दूसरे से बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

Source-hindustan