बिहार में डीलरों को माप-तौल का लाइसेंस लेना अनिवार्य,नहीं तो रद हो जाएगा…

20210208 110709 resize 4बिहार में अब खाद, बीज और कीटनाशक के डीलरों को भी माप के लिए लाइसेंस लेना होगा। यह उन व्यापारियों के लिए भी आवश्यक होगा जो जैविक खाद और उसके डीलरों की व्यावसायिक इकाई में लगे हुए हैं। नए लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले यह व्यवस्था करनी होगी। साथ ही पुराने डीलरों को अब तीन महीने के भीतर तौल के लिए लाइसेंस लेना होगा।

राज्य में खाद, बीज और कीटनाशकों के कारोबार में गड़बड़ी को देखते हुए कृषि विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। सबसे पहले, कालाबाजारी रोकने के लिए कई नए निर्देश जारी किए गए। अब सरकार भी घतौली पर नजर गड़ाए हुए है। नई व्यवस्था के बाद, कोई भी डीलर कंपनी से सीलबंद बोरे को नहीं तोड़ सकेगा और न ही उससे खाद निकाल सकेगा, और न ही बीज विक्रेता तौल में गड़बड़ी कर पाएंगे। विभाग ऐसी शिकायतों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

खास बात यह है कि विभाग का नया निर्देश सभी छोटे और बड़े व्यापारियों पर लागू होगा। डिविजनल, डिस्ट्रिक्ट या स्टेट लेवल पर बिजनेस करने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। नए आदेश की जानकारी डीपी त्रिपाठी ने कृषि निदेशक के रूप में कार्यरत सभी जिला कृषि अधिकारियों को दी है। साथ ही, उन्हें अपने स्तर के पुराने डीलरों को सूचित करने के लिए कहा गया है।

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विभाग ने पहले लाइसेंसिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया था। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि खाद, बीज और कीटनाशकों के लिए ऑफलाइन आवेदन 31 जनवरी के बाद नहीं लिए जाएंगे। इससे नकली व्यापार पर रोक लगेगी और गलत लोगों को कृषि व्यवसाय करने की अनुमति नहीं होगी।

व्यापारियों को समस्याओं का सामना न करना पड़े इसके लिए विभाग ने हर स्तर पर समय निर्धारित किया है। साइट की जांच से लेकर किरयाना तक की जांच का भी एक समय निर्धारित है। ऑनलाइन आवेदन के बाद हार्ड कॉपी भी जमा करनी होगी। हार्ड कॉपी जमा करने के एक महीने के भीतर, आवेदक को लाइसेंस जारी करना होगा या उचित कारण के साथ रद्द करने के आवेदन को सूचित करना होगा। अब नई व्यवस्था में आवेदकों को माप के लिए लाइसेंस भी देना होगा। इसके साथ ही अगर व्यापारी वाट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें स्टांप की मंजूरी भी लेनी होगी।