बिहार में गन्ना और मक्का दोनों से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इथेनॉल उत्पादन, बंद चीनी मिलों के पुनर्वास, नई चीनी मिलों की स्थापना आदि की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को एक ऐनी मार्ग पर कई निर्देश दिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में इथेनॉल उत्पादन क्षेत्र में बहुत सारे निवेशक होंगे। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बंद चीनी मिलों को भी शुरू किया जाएगा। नई चीनी मिलें भी स्थापित की जाएंगी। गन्ने का उत्पादन भी बढ़ेगा और किसानों को इससे अधिक मूल्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में मक्का का उत्पादन भी बढ़ा है। मक्का से भी इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। मक्का उत्पादक किसानों को भी काफी फायदा होगा। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2006 से, राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारे प्रयास किए गए हैं। बिहार औद्योगिक संवर्धन नीति वर्ष 2016 में तैयार की गई थी। इस नीति को किसी भी निवेशक के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किया गया है।
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2006 में ही, गन्ना से इथेनॉल के उत्पादन के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे यूपीए सरकार ने अस्वीकार कर दिया था। अब केंद्र सरकार ने इथेनॉल के उत्पादन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, गन्ना उद्योग-सह-कानून मंत्री प्रमोद कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ। आमिर धुमानी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग ब्रजेश मेहरोत्रा उपस्थित थे। , प्रमुख सचिव वित्त एस। सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के। प्रमुख सचिव चंचल कुमार, प्रमुख सचिव गन्ना उद्योग एन। विजयलक्ष्मी आदि उपस्थित थे।
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