बिहार में कोरोना टीकाकरण में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। अब राज्य में कोरोना वैक्सीन लेने से पहले आधार नंबर देना अनिवार्य है। अब आधार नंबर के बिना कोई कोरोना वैक्सीन नहीं लगाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को निर्देश जारी किया है। जारी निर्देशों में, कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत आधार पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने कहा
कोरोना जांच के दौरान मोबाइल नंबर देना अनिवार्य था, लेकिन मोबाइल नंबर की संख्या के संबंध में विभिन्न जिलों में पाई गई अनियमितता के कारण, राज्य सरकार ने अब आधार को पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
आधार संख्या भारत सरकार के दिशा-निर्देशों में शामिल है
जानकारी के अनुसार, कोरोना टीकाकरण के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों में मोबाइल नंबर या आधार नंबर भी शामिल है। राज्य सरकार ने पहले मोबाइल नंबर का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था। लेकिन विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में, एंटीजन टेस्ट के दौरान गलत मोबाइल नंबर, शून्य-शून्य आदि को चिह्नित करने के लिए अब आधार संख्या को अनिवार्य कर दिया गया है।
कोरोना टीकाकरण की पहली और दूसरी खुराक दोनों के लिए आधार संख्या को अनिवार्य कर दिया गया है। क्योंकि पहले चरण में 3 लाख 96 हजार 740 स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना की पहली खुराक दी गई है। पहले चरण के टीकाकरण की प्रक्रिया खत्म हो गई है। वहीं टीकाकरण के दूसरे चरण के तहत फ्रंटलाइन वर्कर्स का कोरोना टीकाकरण अभियान जारी है। अब तक 92 हजार 709 फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया जा चुका है। वहीं, पहले चरण के टीकाकरण के तहत, दूसरी खुराक के लिए टीका लेने वालों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
कोरोना टीकाकरण के लिए आधार संख्या को अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह सभी चरणों के लिए लागू होगा। -मनोज कुमार, कार्यकारी निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति