Bihar Land Survey: याददाश्त पंजी में गड़बड़ी की शिकायत, बिहार सरकार ने जांच को भेजे अधिकारी

Bihar Land Survey Update News: बिहार में विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान याददाश्त पंजी में गड़बड़ी की शिकायतों को दूर करने की कोशिश शुरू हो गई है। कई जिलों के भू स्वामियों की शिकायत है कि उनकी जमीन बिहार सरकार के नाम चढ़ा दी गई। दोबारा अपने नाम पर जमीन दर्ज करने के लिए उनसे नाजायज रकम की मांग की जा रही है। शिकायतों की बहुलता को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपने चार अफसरों को नमूना जांच के लिए जिलों में भेजा है। ये अधिकारी नौ जिलों में जाएंगे। भू स्वामियों की शिकायत सुनेंगे। गड़बड़ी करने वाले अमीन की जवाबदेही तय करेंगे।

क्या है याददाश्त पंजी
विशेष भूमि सर्वेक्षण वाले जिले के गांवों में अमीन को जमीन के हरेक प्लाट पर जाना है। पता करना है कि जमीन का मालिक कौन है। जमीन वंशावली के आधार पर मिली है या खरीद की है। फिलहाल जमीन पर किसका कब्जा है। जमीन मालिक से स्वामित्व के कागजात मांगे जाते हैं। फिर याददाश्त पंजी में ब्यौरा दर्ज होता है। पूरा ब्यौरा दर्ज होने के बाद तैयार याददाश्त पंजी को दस्तावेज का दर्जा मिल जाता है। भविष्य में जब कभी उस जमीन पर विवाद होता है, समाधान के लिए इस पंजी की मदद ली जाती है।

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शिकायतों का स्वरूप क्या है?
भू स्वामियों की शिकायत है कि जब अमीन मुआयना के लिए प्लाट पर पहुंचे थे, वे गांव के बाहर थे। भू स्वामी को गैर-हाजिर बता कर जमीन के प्लाट का स्वामित्व बिहार सरकार के नाम दर्ज कर दिया। उन्हें जानकारी मिली तो संबंधित कार्यालय में गए। नाम सुधारने के लिए उनसे नाजायज रकम की मांग की जा रही है। इस तरह की ढेर सारी शिकायत मिलने के बाद विभाग ने ग्राम सभाओं में अमीनों का मोबाइल नंबर प्रचारित करना शुरू कर दिया है। अब लोग अमीन की गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। उनके प्लाट पर पहुंचते ही खुद भी पहुंच जा रहे हैं। मुख्यालय से गए अधिकारी पुरानी शिकायतों की जांच करेंगे।
कौन अधिकारी कहां गए
इंदूभूषण श्रीवास्तव- बेगूसराय, लखीसराय प्रकाश कुमार सिन्हा- अररिया, पूर्णिया, कटिहार अशोक कुमार शर्मा- शेखपुरा, जमुई राजेश कुमार सिंह- नालंदा एवं पश्चिम चंपारण।

Source-jagran