बिहार: मासूम का गलत इलाज करने वाले डॉक्टर के खिलाफ होगी कार्रवाई, आयोग की रिपोर्ट तलब

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी थाना क्षेत्र के बहवारा के पांच वर्षीय अंकुश कुमार के पैर के गलत इलाज के मामले में डॉक्टर पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया और जिला प्रशासन से कार्रवाई की गई और दस दिनों में रिपोर्ट तलब की।

इस संबंध में मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने दिसंबर 2019 में आयोग को शिकायत की। इस पर आयोग ने डीएम से कार्रवाई की और रिपोर्ट की मांग की। आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने लंबित कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए डीएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मामले में अब तक की गई कार्रवाई के संबंध में दस दिनों में रिपोर्ट मांगी गई है। नोटिस की एक प्रति अंकुश के परिवार के नवोदय कुमार पासवान को भी भेजी गई है।

श्री पासवान के वकील एसके झा ने कहा कि 2019 में सर्जरी के बाद पैर में बहुत संक्रमण हो गया है। इसके बाद भी डॉक्टर ने उचित इलाज नहीं दिया। इससे पैर की स्थिति पहले से भी ज्यादा खराब हो गई। परिवार ने अंकुश का इलाज पटना एम्स में कराया। वहां, मुजफ्फरपुर के डॉक्टर द्वारा गलत सर्जरी की बात की गई थी। श्री पासवान ने मानवाधिकार अधिवक्ता श्री झा के माध्यम से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत करने की मांग की।

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संज्ञान लेते हुए आयोग ने जिलाधिकारी को जांच के निर्देश दिए। हालांकि, आयोग ने समय सीमा का जवाब नहीं दिया। गलत इलाज के कारण अंकुश का पैर टेढ़ा हो गया है। वह ठीक से चल नहीं पा रहा है। पैर के बड़े होने पर परिवार ने जूरन छपरा के एक निजी डॉक्टर से इलाज कराया था। डेढ़ लाख रुपये लेने के बाद भी परिवार बिना किसी सुधार के पटना एम्स पहुंचा।

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