इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने राज्य के सभी सरकारी और गैर-सरकारी डॉक्टरों से लोगों को पूर्ण कोरोना टीकाकरण के बारे में जागरूक करने की अपील की। शनिवार को जारी एक बयान में डॉ. सिंह ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता पैदा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी संक्रामक रोग से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी वैज्ञानिक खोज है। टीके दुनिया भर में चेचक को खत्म करने, दुनिया के अधिकांश हिस्सों में पोलियो, खसरा और टेटनस को रोकने और इन्फ्लूएंजा, एचपीवी, चिकन-पॉक्स आदि जैसी कई बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए पूर्ण टीकाकरण का मार्ग अपनाना होगा। आम लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करना और इसके बारे में किसी भी तरह के भ्रम और झूठे प्रचार को खत्म करना डॉक्टरों की विशेष जिम्मेदारी है। इस “टीकाकरण महापर्व” में केंद्र और राज्य सरकारों की मदद करें। सभी डॉक्टरों को शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए कुछ गांवों को गोद लेना होगा। देश के आम लोगों को अपने योग्य डॉक्टरों पर भरोसा करते हुए इस दुनिया को कोविड से मुक्त बनाने के लिए निडर होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हम तब तक सुरक्षित नहीं हैं जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं।
आईएमए ने की मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से बैठक की मांग
आईएमए, बिहार ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र लिखकर जल्द से जल्द बैठक की मांग की है। आईएमए, बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार और सचिव डॉ. सुनील कुमार ने संयुक्त रूप से पत्र लिखकर दोनों अधिकारियों से डॉक्टरों की विभिन्न मांगों को लेकर बैठक करने की मांग की. आईएमए ने कहा कि बैठक जूम के जरिए होनी चाहिए। इस बैठक में आईएमए कोरोना टीकाकरण अभियान के प्रति जागरुकता एवं टीकाकरण में भागीदारी, चिकित्सकों की नियुक्ति, पदोन्नति, नैदानिक स्थापना अधिनियम में संशोधन, बिहार चिकित्सा संस्थान एवं व्यक्ति संरक्षण अधिनियम, 2011 का क्रियान्वयन, चिकित्सा अपशिष्ट एवं प्रदूषण नियंत्रण, सभी शहीद चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के मुआवजे सहित अन्य विषयों पर चर्चा होनी है।