किशोरी बालिकाओं को सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूक कर स्वावलंबी बनाने के लिए महिला विकास निगम ने 22 जिलों में उड़ान अभियान शुरू किया है। इसके तहत 14 से 19 साल की किशोरियों को दहेज और बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जाएगा। साथ ही कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन 15 जनवरी को पटना में किया जाएगा. इसकी तैयारी तेज कर दी गई है.
बाल विवाह के सर्वाधिक मामले 22 जिलों में सामने आ रहे हैं
महिला विकास निगम की एमडी हरजोत कौर ने कहा कि प्रदेश के 22 जिलों में बाल विवाह से जुड़े मामले अधिक सामने आ रहे हैं. अभियान का उद्देश्य किशोरियों को आत्मनिर्भर बनाना है। नाबालिग लड़कियों को घर से भागकर बहकाया जाता है या उनकी जबरन शादी कर दी जाती है। बाद में परेशानी की स्थिति में उन्हें थोड़े समय के लिए घर में ही रहना पड़ता है। उन्हें शिक्षित करने के साथ ही व्यावसायिक प्रशिक्षण देने की भी योजना है।
गया, नवादा और जमुई जिलों से आ रहे ज्यादा मामले
नवादा, गया और जमुई जिलों में बाल विवाह के सबसे अधिक मामले हैं। अधिकारियों के मुताबिक अनुसूचित जनजाति के जिलों में बाल विवाह के मामले ज्यादा हैं।
तीन महीने के कोर्स में शामिल हो सकती हैं लड़कियां
अधिकारियों के मुताबिक इन्हें कौशल विकास के तहत चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों से भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए बिहार का निवासी होना और बैंक में खाता होना जरूरी है। किशोरी बालिकाएं जिले में बीडीओ या बीएसडीएम से मिल कर अपने पसंदीदा पाठ्यक्रम में नि:शुल्क नामांकन प्राप्त कर सकती हैं।