कोरोना वायरस महामारी के कहर से जूझ रहे बिहार में ब्लैक फंगस की बीमारी नई परेशानी की वजह बनती जा रही है। केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी की श्रेणी में रख दिया है। अब राज्य सरकार भी इसे महामारी घोषित करने की तैयारी में है। स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री की सहमति का इंतजार है। शनिवार को सहमति मिल जाने की संभावना है। आपको बताते चलें कि यह बीमारी कोविड-19 से भी अधिक घातक और जानलेवा है। इस बीमारी से कई मरीज अपनी आंखें गंवा चुके हैं। ब्लैक फंगस संक्रमण के बाद प्रभावित अंग को निकालने की नौबत आ जाती है।
आइजीआइएमएस में हो रही इलाज की व्यवस्था
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अस्पतालों में बेहतर व्यवस्था की जा रही है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों का बेहतर तरीके से इलाज हो, इसके लिए दो रोज पहले ही एम्स पटना और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) पटना को सेंटर आफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया गया है। यहां इस बीमारी से निदान के लिए लगातार कवायद हो रही है।
आज जारी हो सकती है महामारी की अधिसूचना
इसी कड़ी में अब प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने की अनुमति मांगी गई है। संभावना है शनिवार को इसे महामारी घोषित कर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
ब्लैक फंगस ने बढ़ाई परेशानी, महामारी घोषित होगी
मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आज फैसले की संभावना
बता दें कि सूबे में अब तक ब्लैक फंगस के करीब सौ मरीज मिल चुके हैं। इनमें से अधिसंख्य का इलाज एम्स पटना और आइजीआइएमएस में चल रहा है। कुछ मरीज अन्य जिलों में भी भर्ती हैं। ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी है। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब तक हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है।