बिहार सरकार ने अपने नियोजित शिक्षकों को दिया बड़ा झटका: शिक्षा विभाग ने उन्हें BPSC शिक्षक से जूनियर बना दिया

बिहार सरकार ने अपने नियोजित शिक्षकों को दिया बड़ा झटका: शिक्षा विभाग ने उन्हें BPSC शिक्षक से जूनियर बना दिया

बिहार सरकार ने दशकों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को नवनियुक्त BPSC शिक्षकों से जूनियर बना दिया है। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों और BPSC शिक्षकों को लेकर नया आदेश जारी किया है।

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इस आदेश के अनुसार अब राज्य के हजारों स्कूलों में कई वर्षों से कार्यरत नियुक्त शिक्षकों को BPSC से नवनियुक्त शिक्षकों के अधीन काम करना होगा।

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शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला

शिक्षा सचिव सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक वैद्यनाथ यादव ने आज सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में बिहार के सरकारी स्कूलों में प्रभारी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देश में एक तरह से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कई दशकों से कार्यरत नियुक्त शिक्षक BPSC से एक साल पहले नियुक्त शिक्षकों से जूनियर माने जाएंगे।

प्रभारी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति को लेकर सरकार का आदेश

दरअसल बिहार में करीब 70 हजार सरकारी स्कूल हैं। सरकारी स्कूलों में स्थायी प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति नहीं होने की वजह से ज्यादातर स्कूल प्रभारी प्रधानाध्यापकों के सहारे चल रहे हैं। शिक्षा विभाग ने अपने नए पत्र में बताया है कि किन शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त किया जाना है।

पुराने वेतनमान वाले को बनाएं प्रभारी

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी स्कूल में स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं है तो वहां पुराने वेतनमान वाले शिक्षक को प्रधानाध्यापक का प्रभार देना है। उस स्कूल में पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों से वरिष्ठ व्यक्ति को प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी देनी है।

नियुक्त शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद का प्रभार नहीं

लेकिन सरकार के इस पत्र में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नियुक्त शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार नहीं दिया जाना है। दरअसल, बिहार में हजारों स्कूल ऐसे हैं जहां पुराने वेतनमान वाले शिक्षक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में किसे प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाएगा। शिक्षा सचिव सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि वहां नियुक्त शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक नहीं बनाया जाएगा। अगर उस स्कूल में बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक पदस्थापित हैं तो उन्हें प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा।

शिक्षा विभाग के पत्र के अनुसार, प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार तभी नियुक्त शिक्षक को दिया जा सकता है, जब उस विद्यालय में पुराने वेतन वाले या बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक पदस्थापित न हों। अब बिहार का शायद ही कोई विद्यालय हो, जहां बीपीएससी शिक्षकों की पदस्थापना न हुई हो।

हजारों प्रभारी प्रधानाध्यापक हटाए जाएंगे

राज्य में हजारों ऐसे विद्यालय हैं, जहां नियुक्त शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्यभार देख रहे हैं। शिक्षा विभाग के पत्र के बाद उन्हें प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद से मुक्त कर दिया जाएगा। करीब दो दशक से विद्यालय में पढ़ा रहे नियुक्त शिक्षकों को करीब एक साल पहले नियुक्त बीपीएससी के अधीन काम करना होगा।