पटना : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से जुड़ी सेवाओं का ब्यौरा तय समय पर वेबसाइट पर अपलोड नहीं करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई का आदेश दिया है। संबंधित जिलाधिकारी जिम्मेवारी के साथ-साथ सजा भी तय करेंगे। भू अर्जन के निदेशक सह अपर सचिव सुशील कुमार ने 15 जिलाधिकारियों को मंगलवार को एक पत्र लिखा है।
ये जिले हैं-औरंगाबाद, बेगूसराय, बक्सर, दरभंगा, गया, जमुई, मधेपुरा, मधुबनी, नालंदा, पटना, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी एवं पश्चिम चंपारण। पटना जिला के सदर सहित कुल 24 अंचल इसमें शामिल है। सबसे अधिक पश्चिम चंपारण के पांच अंचल इस मामले में पिछड़े पाए गए हैं। मधेपुरा और पश्चिम चंपारण के चार-चार अंचल हैं। मधुबनी के दो और अन्य जिलों के एक-एक अंचल के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
पत्र के मुताबिक सभी अंचलों को यह ब्यौरा वेबसाइट पर अपलोड करना है कि उनके क्षेत्र में अभियान बसेरा, आपरेशन भूमि दखल दहानी, लोक भूमि अतिक्रमण, जल निकाय अतिक्रमण, भू लगान वसूली, जमीन की मापी आदि सेवाओं में क्या उपलब्धि हासिल हुई है। वेबसाइट पर यह भी जिक्र करना है कि किस सेवा के लिए कितने आवेदन आए। कितने आवेदनों का निबटारा किया गया। कितने आवेदन किस वजह से लंबित हैं।
पिछले दिनों विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने उपलब्धियों की समीक्षा की थी। उन्होंने पाया कि 15 जिलों के 24 अंचलों का कामकाज संतोषजनक नहीं है। जिलाधिकारियों को कहा गया है कि वे जल्द से जल्द इन अंचलों की उपलब्धि वेबसाइट पर दर्ज कराएं। ताकि फिर से इनकी समीक्षा की जा सके। दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनका पक्ष लें। उनके खिलाफ नियम के मुताबिक अनुशासनिक कार्रवाई हो करें। विभाग ने की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी है।
इन अंचलों के काम पर नाराजगी
नवीनगर, खुदाबंदपुर, नावकोठी, शामो अकहा, गौरा बौराम, बथानी, लक्ष्मीपुर, चौसा, ग्वालपाड़ा, मुरलीगंज, उदाकिशुनगंज, खजौली, लौकही, हिलसा, पटना सदर, सौर बाजार, मोहनपुर, दिघवाड़ा, मेजरगंज, बैरिया, बेतिया, जोगापट्टी, मंझौलिया एवं सिकटा।