खगड़िया। बिहार बाढ़ अपडेट : कोसी कब करवट ले, कहना मुश्किल है. रविवार को चौधली जमींदारी बांध के बरुन स्थल (12-13.50 किमी) पर कोसी कटाव से अचानक अफरातफरी मच गई। सूचना पर तत्काल वहां बाढ़ से निपटने का काम शुरू हो गया। रविवार की रात भर बाढ़ से लड़ने का काम जारी रहा, जो समाचार लिखे जाने तक जारी है। संभागीय कार्यपालक अभियंता ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। यहां हाथीपांव, पाराकोपाइन, नेकां बेदवार का कार्य कर बांध को सुरक्षित किया जा रहा है।
बाढ़ नियंत्रण बल के अध्यक्ष ई शैलेश कुमार सिंह, बाढ़ नियंत्रण मंडल खगड़िया के अधीक्षण अभियंता सत्यजीत, बाढ़ नियंत्रण मंडल-2, खगड़िया के कार्यपालक अभियंता गणेश प्रसाद सिंह, एसडीओ राजेश कुमार, जेई मणिकांत पटेल बरुण स्थल पर डेरा डाले हुए हैं।
तटबंध की ‘टोह’ लेने के बाद ढलान डूबने लगा
कोसी ने रविवार की शाम 60 मीटर में तटबंध (एनएसएल के बाद की जमीन यानी प्राकृतिक मिट्टी के स्तर) की ‘टोही’ लेकर कटाव शुरू किया। इसके बाद तटबंध का ढलान यहां 30 मीटर में डूबने (बैठने) लगा। जिसके बाद अफरातफरी मच गई। क्योंकि कोसी उफान पर है और खगड़िया अभी भी खतरे के निशान से 82 सेंटीमीटर ऊपर है।
सेंट्रल स्ट्राइक से मंगवाए गए रेत भरे बोरे
कटाव की तीव्रता को देखते हुए विभाग के कैथी स्थित सेंट्रल स्ट्राइक (जहाँ बोरी में बालू जमा है) सहित लोंगा व डुमरी से बालू के बोरे लाए गए। इसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई।
चौधली जमींदारी बांध के बरुण स्थल पर युद्धस्तर पर बाढ़ से निपटने का कार्य जारी है। विभागीय अधिकारी कैंप कर रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है। कटाव को देखते हुए सेंट्रल स्ट्राइक सहित लोंगा व डुमरी से बालू के बोरे लाए गए हैं। -गणेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-II, खगड़िया।