नेपाल में बारिश थमने से गंडक समेत बागमती, कमला नदियों में उफान कम होने लगा है। जलस्तर लगातार गिर रहा है। लेकिन पश्चिम और पूर्वी चंपारण में गंडक और बूढ़ी गंडक तबाही मचा रहे हैं। पूर्वी चंपारण के डुमरियाघाट में गंडक नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सुगौली प्रखंड व नगर पंचायत के नए क्षेत्र में पुरानी गंडक का पानी घुस गया है। पश्चिमी चंपारण में बाढ़ के कारण पांचवे दिन भी कई प्रमुख सड़कों पर यातायात ठप रहा। मधुबनी में कमला का उफान थमने से आसपास के लोग राहत महसूस कर रहे हैं।
गंडक ने पार किया खतरे का निशान
मुजफ्फरपुर। जिले के साहेबगंज प्रखंड में बाढ़ की स्थिति विकट होती जा रही है। गंडक नदी कल की तुलना में 39 सेंटीमीटर बढ़कर 54.41 मीटर के खतरे के निशान को पार कर 54.49 मीटर पर पहुंच गई है। इसके बेल्ट के गांवों को विस्थापित कर दिया गया है और बांध पर आश्रय लिया है। वहीं सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर भी कल की तुलना में करीब एक मीटर बढ़ गया है। यह खतरे के निशान 52.23 मीटर से दो मीटर नीचे 50.23 मीटर पर बह रही है। वहीं बागमती कटौझा में खतरे के निशान 55.23 मीटर से करीब दो मीटर नीचे 53.25 मीटर की ऊंचाई पर बह रही है। जिले में गंडक और बूढ़ी गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों की नींद उड़ गई है। साहेबगंज के पचास से ज्यादा गांवों में पानी घुस चुका है। दस हजार से अधिक की आबादी ने बांध पर शरण ली है। कई जगहों पर कटाव की स्थिति बनी हुई है।
पश्चिम चंपारण में कई सड़कों पर यातायात ठप
पश्चिमी चंपारण में नदियों का जलस्तर घट गया है। इससे निचले इलाकों से पानी निकलना शुरू हो गया है। शनिवार शाम वाल्मीकि बैराज से 1.31 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बारिश रुकने और कम पानी छोड़े जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि, पानी कम होने पर नदियों का कटाव शुरू हो गया था। लौरिया-रामनगर, लौरिया-नरकटियागंज मार्ग पर शनिवार को पांचवें दिन भी यातायात ठप रहा। बाढ़ में करीब 50 मीटर डायवर्जन बह गया है। लौरिया में अभी भी दोनों रास्तों पर तीन फीट पानी बह रहा है।
सुगौली में 40 घर पुरानी गंडकी की धारा में विलीन
पूर्वी चंपारण जिले के पांच ब्लॉक सुगौली, केसरिया, बंजारिया, अरेराज और संग्रामपुर के कई गांव प्रभावित हैं। सुगौली प्रखंड स्थित एसपी नायक कॉलेज, हाई स्कूल व मिडिल स्कूल में बाढ़ का पानी घुस गया है। सिकराना (बूढ़ी गंडक) नदी के कटाव से भवानीपुर गांव के पास 40 घर नदी के किनारे डूब गए हैं। गंडक और बूढ़ी गंडक नदियों के जलस्तर में शनिवार को भी उतार-चढ़ाव जारी रहा। लालबकेया सिकराहना और अहिरुलिया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। चटिया में गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है।
जयनगर में रुकी कमला, झंझारपुर में घट रहा पानी
मधुबनी में नदियों का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। जयनगर में कमला नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे से स्थिर है। यहां जलस्तर खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर नीचे है। बेनीपट्टी में धौस नदी सोइलीघाट के पास जल स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। झंझारपुर में कमला बालन नदी का जलस्तर शनिवार को 5 सेंटीमीटर कम हो गया है। इधर समस्तीपुर जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों में इसमें 90 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर भी एक मीटर से अधिक बढ़ गया है।
सीतामढ़ी और दरभंगा में घट रहा नदियों का जलस्तर :
सीतामढ़ी और दरभंगा जिले से गुजरने वाली बागमती, कमला, बालन सहित अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। सीतामढ़ी में कटौझा समेत अन्य जगहों पर बागमती नदी डिब्बे के अंदर चली गई है। 24 घंटे में यहां का जलस्तर 0.27 सेंटीमीटर नीचे चला गया है। इधर, दरभंगा बेनियाबाद (गाई घाट) में भी बागमती नदी खतरे के निशान से 1.31 मीटर ऊपर है. नीचे बह रहा है। अधवारा नदी कमतौल में खतरे के निशान से 2.60 मी. नीचे बह रहा है। दोनों जगहों पर जलस्तर घटते क्रम में है।