बिहार बाढ़: गंडक, बूढ़ी गंडक समेत सभी नदियां उफान पर, बगहा शहर पर खतरा, पलायन करने लगे लोग

पिछले चौबीस घंटे से लगातार हो रही बारिश से उत्तर बिहार के सभी जिलों में एक बार फिर से सभी नदियां उफान पर हैं। गंडक और बूढ़ी गंडक के साथ अब बागमती भी खुरदुरा रूप लेने लगी है। गंडक में लगातार पानी बढ़ने से पश्चिमी चंपारण के बगहा शहर पर खतरा बढ़ने लगा है। बगहा के कई मुहल्लों से पानी पास पहुंचने लगा है। इसको लेकर प्रशासन ने अलर्ट भी जारी किया है। वहीं, बूढ़ी गंडक में पानी तेजी से बढ़ने से मुजफ्फरपुर के निचले इलाकों में परेशानी बढ़ने लगी है। पिछले चौबीस घंटे में एक दर्जन से अधिक नए इलाकों में पानी घुस गया है। लोग तेजी से बांधों या अन्य सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ रहे हैं।

इस समय सबसे ज्यादा बुरा हाल पश्चिमी चंपारण के बगहा का है। शहर के पारसनगर और अग्रवाल वाटिका समेत एक दर्जन से अधिक मोहल्लों के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। प्रशासन ने इन इलाकों को तेजी से बचाने की कवायद भी शुरू कर दी है। मुजफ्फरपुर के शहरी इलाकों में पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं बागमती में पानी बढ़ने से मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के कई इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बेनियाबाद (गाई घाट) में बागमती नदी का जलस्तर 47.36 मीटर है। दर्ज किया गया है। हयाघाट में बागमती 40.85 मीटर की ऊंचाई पर बह रही है। वहीं अधवारा नदी सोनवर्षा (सीतामढ़ी) में 79.46 मीटर पर बह रही है। वही नदी दरभंगा के कमतौल में 49.10 मीटर जबकि एकमीघाट में 44.74 मीटर पर बह रही है। इधर, मधुबनी के जयनगर में कमला नदी 67.43 मीटर पर खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। बेनीपट्टी से गुजरने वाली धौस नदी में मामूली वृद्धि हुई है। पूर्वी चंपारण में सिकराना नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में फिर से बाढ़ का पानी फैल रहा है। शहर के वार्ड नंबर 1 और 2 बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि नगर गंडक बैराज से 93 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पूर्वी चंपारण के डुमरियाघाट और चटिया में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है।

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समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रविवार सुबह छह बजे जलस्तर 45.15 मीटर पर पहुंच गया। जो खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर नीचे है। यहां खतरे का निशान 545.73 मीटर है। वहीं मोहनपुर में गंगा का जलस्तर स्थिर है। सराया में सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर 44.20 मीटर रहा। जल स्तर स्थिर रहने की प्रवृत्ति है। इस जगह पर खतरे का निशान 45.50 मीटर है।