Bihar Education Department, केके पाठक के आदेश की अनदेखी!, हेडमास्टर पर हो सकती है कार्रवाई
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बिहार में शिक्षा विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है. केके पाठक के एक भी आदेश का उल्लंघन करने पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में गोपालगंज के 577 हेडमास्टर शिक्षा विभाग के निशाने पर आ गए हैं.
इनका दोष है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बावजूद सरकारी स्कूलों में सुरक्षित शनिवार से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। ऐसे में शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम का आयोजन नहीं करने वाले प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जाता है कि विभाग के पोर्टल पर कार्यक्रम से संबंधित डाटा दर्ज करने का मौका रविवार (19 मई) तक था।
पोर्टल पर प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक कुल 1889 स्कूल हैं, जिसमें 1312 स्कूलों में सुरक्षित शनिवार का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इन स्कूलों में एक लाख 40 हजार 405 विद्यार्थी कार्यक्रम में शामिल हुए। 577 स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। ‘सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम का आयोजन नहीं करना घोर लापरवाही’ सर्व शिक्षा अभियान के मीडिया प्रभाग के प्रभारी सुजय सिंह ने सोमवार (20 मई) को बताया कि विभाग के 577 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों द्वारा आदेश की अवहेलना की गई है।
सुरक्षित शनिवार का कार्यक्रम आयोजित न करना घोर लापरवाही है। इन सभी प्रधानाध्यापकों की सूची जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर वेतन काटकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे के रूप में मनाते हुए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस शनिवार को मॉक ड्रिल के माध्यम से बच्चों को तूफान, चक्रवात और वज्रपात से बचाव की जानकारी दी जानी थी। कार्यक्रम के बाद प्रधानाध्यापकों को जिला शिक्षा कार्यालय में रिपोर्ट करना था। जिला कार्यालय से ई-शिक्षा पोर्टल पर समेकित रिपोर्ट अपलोड कर राज्य कार्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश है। विभाग मुख्यालय ने डीईओ को स्कूलों में कार्यक्रम सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
क्या है सुरक्षित शनिवार?
बच्चों को हर शनिवार को बिना किताब के स्कूल आना होता है। उस दिन प्रत्येक स्कूल में चयनित फोकल शिक्षक द्वारा बच्चों को समाज से जुड़ी हर जानकारी बताई जाती है। तूफान, तूफान, वज्रपात, बारिश, आग लगने की घटनाओं से कैसे बचा जाए, इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। साथ ही ऐसी घटनाओं को रिक्रिएट करके बच्चों को दिखाया भी जाता है।