शराब के धंधेबाजों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चेताया, बचेंगे नहीं; ड्रोन सब देख रहा

राज्य ब्यूरो, पटना : राजधानी स्थित बापू सभागार में पटना व नालंदा जिले के आयोजित समाज सुधार अभियान में रविवार को मुख्यमंत्री ने शराब के धंधेबाजों को चेताया कि वे लोग बचेंगे नहीं। ड्रोन से सभी की तस्वीर ली जा रही।

वर्तमान में 26 ड्रोन इस काम में लगे हैं। ड्रोन हेलीकाप्टर भी आ गया है। गड़बड़ी करने वालों पर पूरी निगाह रहेगी। यही नहीं बालू माफिया पर भी ड्रोन के माध्यम से नजर रखी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने को कुछ लोग काबिल समझते हैं और शराब के पक्ष में बोलते हैं, पर वे काबिल नहीं है। अगर शराब के पक्ष में कोई है तो वह गड़बड़ प्रवृत्ति का आदमी है। जो दारू पीता है उससे खराब कोई काम नहीं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। वह शराब के खिलाफ थे।

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कितनों ने छोड़ी शराब, किया जाएगा सर्वे

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में हम लोगों ने यह सर्वे कराया था कि शराबबंदी लागू होने के बाद कितने लोगों  ने शराब पीना छोड़ा। उस समय यह आंकड़ा सामने आया था कि 1.64 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। इस तरह का सर्वे फिर कराया जाना चाहिए। हमने इस बारे मे अधिकारियों को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों जब जहरीली शराब से कुछ लोगों की मौत हो गई तो कुछ का कुछ बोलने लगे लोग। पता नहीं किस तरह के लोग हैैं। कुछ लोग शराबबंदी को फेल कहते हुए इसे खत्म करने की मांग करने लगे।  जहरीली शराब के धंधेबाजों को पूर्व में भी सजा मिली है। बच नहीं सकेंगे। यह मान लीजिए कि शराब पीना आपको मौत दिला सकता है।

यह भी सच है कि समाज में चंद लोग गड़बड़ करने वाले होते ही हैं। सभी लोग कभी ठीक नहीं हो सकते। दस प्रतिशत लोग ही गड़बड़ी करते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के कारण 2016 में एक साल के भीतर 30 लाख लोगों की मौत हुई। शराब के कारण टीबी, एचआइवी तथा मधुमेह से होने वाली मृत्यु से भी अधिक लोग मरते हैैं। शराब दो सौै प्रकार की बीमारियों को बढ़ाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय शराबबंदी लागू हुई उस समय यह बात भी उठी कि बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या कम हो जाएगी, पर यहां बाहर से आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ गई।