पटना:इस समय पटना से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो गई है. बैठक में कुल 18 एजेंडा पर मुहर लगाई गई है। पंचायत चुनाव को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले से पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ा झटका लगा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की इस अहम बैठक में कुल 18 एजेंडे पर मुहर लग गई है. बिहार सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि “बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में, बिहार में पंचायत, ग्राम न्यायालय, पंचायत समिति, जिला परिषद में एक सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।”
सरकार के इस फैसले के बाद साफ हो गया है कि बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा. नीतीश सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को एक्सटेंशन नहीं देने जा रही है.
बिहार में कोरोना महामारी के चलते पंचायत चुनाव न होने के कारण नीतीश सरकार ने बीच का रास्ता निकाल लिया है. हालांकि इससे मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों को राहत मिल सकती है। क्योंकि सरकार ने जो फैसला लिया है। उनके मुताबिक पंचायत प्रतिनिधियों का विस्तार नहीं होगा, लेकिन राज्य सरकार बीच का रास्ता निकालेगी.
नीतीश सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया है। अधिनियम की धारा 14,39,66 और 92 में संशोधन किया गया है। नया अध्यादेश लाकर मौजूदा जनप्रतिनिधियों को सत्ता देने की योजना है। चर्चा है कि परामर्श समिति में अधिकारियों व वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है। बताया जा रहा है कि जब तक अगला चुनाव नहीं हो जाता, केवल परामर्श समिति को ही शक्ति दी जाएगी।