बेलगाम महंगाई से बेदम बिहार, खाने-पीने से लेकर घर बनाना हुआ महंगा

पटना। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टरों ने माल भाड़ा 25 से 30 फीसदी तक बढ़ा दिया है. इससे खाने-पीने की चीजों, फलों, सब्जियों समेत अन्य चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं। निर्माण सामग्री की कीमतों में भी 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, मध्य प्रदेश, राजस्थान से किराना सामान, फल ​​और सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ परिवहन के माध्यम से पटना आते हैं। इसके साथ ही कार, बाइक, ऑटो के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, भवन निर्माण सामग्री भी बाहर से आती है।

अनाज

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

बिहार राज्य खाद्य व्यापारी संघ के महासचिव नवीन कुमार ने बताया कि माल भाड़े में 10 से 20 फीसदी की वृद्धि हुई है. मध्य प्रदेश से पटना का किराया 50,000 रुपये से बढ़ाकर 55,000 रुपये कर दिया गया है। इससे बाहर से आने वाले अनाज के दाम भी बढ़ गए हैं।

Also read:-बिहार पंचायत चुनाव : ईवीएम के साथ बैलेट पेपर से भी होगा मतदान…

फल सब्जियाँ

पटना फ्रूट एंड वेजिटेबल एसोसिएशन संयुक्त सचिव मो हसनैन ने कहा कि एक महीने में प्रति ट्रक भाड़ा 20 हजार रुपये बढ़ा है। थोक सब्जी व्यापारी राम प्रवेश ने बताया कि फलों और सब्जियों के दाम में माल ढुलाई का योगदान 30 फीसदी तक रहता है. माल भाड़ा बढ़ने से सब्जियां भी 20 फीसदी महंगी हो गई हैं।

निर्माण सामग्री

सीमेंट कारोबारी के मुताबिक सीमेंट 380 से 450 रुपये में बिक रहा है. दो हफ्ते में 10 से 20 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी हुई है. लाॅकडाउन से पहले जो ईंट 14 हजार प्रति दर्जी (1500 पीस) बिक रही थी, आज वह 15 हजार रुपए प्रति दर्जी है। लाल बालू के भाव में 1500 रुपये प्रति क्विंटल और रॉड की कीमत में 500 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।

महंगा डीजल प्रभाव

डीजल परिवहन की लागत का लगभग 60% है। 25-30% हिस्सा मेंटेनेंस, लोन किस्त आदि का होता है। चेन्नई से पटना के लिए एक ट्रक (16 टन) की बुकिंग फिलहाल 80 हजार रुपये में होती है, तो डीजल के लिए करीब 55 हजार रुपये का खर्च आता है। इसकी भरपाई कहीं न कहीं किराया दर बढ़ाकर की जा सकती है।

Also read:-बिहार पंचायत चुनाव : पंच-सरपंच का चुनाव ईवीएम से होगा या बैलेट पेपर से? आयोग ने जिलाधिकारी से मांगे सुझाव