BIHAR BREAKING NEWS:बिहार के  कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों की बहाली रद्द, सभी कॉलेजों में एडमिशन भी रुका..हाईकोर्ट का बड़ा फैसला।

BIHAR BREAKING NEWS: बिहार के शिक्षा जगत के लिए सोमवार को पटना हाईकोर्ट से दो बड़ी खबरें आई हैं। सबसे पहले, पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के सरकारी बीएड कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों के रूप में की गई नियुक्ति को अवैध करार दिया। वहीं, दूसरे फैसले में बिहार के सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों में दाखिले पर भी रोक लगा दी गई है। पटना हाईकोर्ट ने बिहार के सरकारी बीएड कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में की गई नियुक्ति को अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया।##CORONA ALERT:कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है..! टीकाकरण के बाद भी  करना होगा इन नियमों  का सख्ती से पालन ..

न्यायमूर्ति डॉ। अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने सोमवार को यह फैसला दिया, जिसमें रवि कुमार और अन्य की ओर से दायर तीन रिट याचिकाओं को मंजूरी दी गई। याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि यह नियुक्ति बी.एड. कॉलेजों, बहाली के लिए विज्ञापन की शर्तों के खिलाफ। विज्ञापन 478 रिक्तियों के लिए प्रकाशित किया गया था, जबकि नियुक्ति केवल 451 पदों के लिए की गई थी।##Coronavirus 2nd wave in India : इस बार युवाओं पर है खतरा, होली के त्योहार को देखते हुए खतरा और बढ़ा, कई राज्यों में लॉकडाउन, जानें अपने प्रदेश का हाल

पात्र उम्मीदवारों के लिए देय आरक्षण में भी गड़बड़ी थी, जिसमें याचिकाकर्ता शामिल थे। इस मामले की सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कई बार निर्देश दिया है कि प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में की गई बहाली के लिए उचित कदम उठाए, लेकिन अंततः सरकार की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है, अंततः पूरी नियुक्ति को ही रद्द कर देना है अदालत झूठ बोल रही थी।

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सभी लॉ कॉलेजों में नामांकन पर प्रतिबंध

पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों में दाखिला लेने पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। कोर्ट ने चांसलर कार्यालय और सभी संबंधित विश्वविद्यालयों और अन्य लोगों से 23 अप्रैल तक जवाब तलब किया है, जिसमें नामांकन पर रोक भी शामिल है। सुनवाई के दौरान, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने इन कॉलेजों से संबंधित एक निरीक्षण रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की।##BREAKING:- खबर सामने आ रही है 26 मार्च को फिर भारत बंद का ऐलान ?

कहा गया है कि राज्य में जो भी लॉ कॉलेज हैं, उनमें मूलभूत सुविधाओं का पूर्ण अभाव है। इन कॉलेजों में योग्य शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों की कमी है। जो कानून के अध्ययन पर बहुत प्रभाव डाल रहा है। ये सभी कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं। अधिवक्ता विश्वजीत ने अदालत को बताया कि जब तक ये सभी कॉलेज सभी मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं तब तक इन कॉलेजों में नामांकन पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने अदालत को बताया कि राज्य में सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों की कुल संख्या 28 है।##बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा: मास्क को ही बना डाला मोबाइल, अब नकल मास्क से भी…!