उच्च तकनीक, बेहतर मैनेजमेंट और हाईस्पीड सॉफ्टवेयर के कारण बिहार बोर्ड हर साल रिजल्ट समय से पहले दे रहा है। बिहार बोर्ड द्वारा फिर एक बार इतिहास दोहराया गया है। इस बार इंटर परीक्षा समाप्त होने के 29 दिनों में और मूल्यांकन शुरू होने के 19 दिनों में इंटर रिजल्ट जारी किया गया। यह पिछले साल से भी दस दिन कम है।
2021 में 26 मार्च को इंटर का रिजल्ट जारी किया गया था। पिछले साल मूल्यांकन शुरू होने के 24 दिनों बाद परिणाम घोषित हुआ था। यानी इस बार पिछले साल से भी कम दिनों में रिजल्ट तैयार हो गया।
हर साल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ता है बोर्ड==इस बार भी इंटर के रिजल्ट में बोर्ड ने अपना ही पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। बोर्ड की मानें तो रिजल्ट प्रोसेसिंग के लिए बोर्ड का अपना सॉफ्टवेयर सिस्टम है। इस सिस्टम से पिछले सॉफ्टवेयर की तुलना में 16 गुणा अधिक स्पीड से रिजल्ट तैयार किया जाता है। इसका असर है कि हर साल रिजल्ट तैयार करने में आसानी और जल्दी होती है।
चार साल से मार्च में रिजल्ट==बिहार बोर्ड ने जल्दी रिजल्ट जारी कर पिछले दस सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। जहां 2012 से 2018 तक इंटर का रिजल्ट मई-जून में घोषित किया जाता रहा है, वहीं पिछले चार साल से मार्च में जारी कर दिया जाता है। पिछले चार साल में बिहार बोर्ड देश का पहला बोर्ड है, जहां पर सबसे पहले रिजल्ट जारी किया गया।
कई बोर्ड अभी परीक्षा ही ले रहे==ज्ञात हो कि 2020 मार्च में कोरोना संक्रमण आने का असर सीबीएसई, सीआईएससीई के साथ तमाम राज्य बोर्ड के रिजल्ट पर पड़ा। वहीं, बिहार बोर्ड कोरोना संक्रमण के पहले ही इंटर का रिजल्ट 24 मार्च को ही घोषित कर दिया था। वहीं, 2021 में तो कोरोना संक्रमण के कारण सीबीएसई, सीआईएससीई के अलावा ज्यादातर राज्य बोर्ड दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा तक नहीं ले पाए। वहीं बिहार बोर्ड परीक्षा के साथ रिजल्ट भी बहुत ही अच्छे तरीके से दे दिया। पिछले साल वर्ष 2021 में 26 मार्च को रिजल्ट जारी किया गया।
सारे विवि के रास्ते खुले==बिहार बोर्ड द्वारा मार्च में रिजल्ट देने से छात्रों को काफी लाभ होता है। इंटर के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा में नामांकन के लिए सारे विवि के रास्ते खुले होते हैं। छात्र इंटर के बाद जहां चाहें नामांकन ले सकते हैं। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षा जेईई, नीट आदि की तैयारी के लिए भी परीक्षार्थी के पास भरपूर समय होता है।
रिजल्ट प्रोसेसिंग में किए गए ये बदलाव
– हर मूल्यांकन केंद्र पर छह-छह कंप्यूटर की व्यवस्था।
– मूल्यांकन होने के साथ ही कंप्यूटर के माध्यम से अंक बोर्ड के पास आता रहा।
– बारकोडिंग केंद्रों पर कंप्यूटर की व्यवस्था जिससे उत्तरपुस्तिका के बैग की कंप्यूटराइज्ड इंट्री हुई। समय की बचत हुई।
– परीक्षा लेने और मूल्यांकन करने की व्यवस्था को आधुनिक किया गया।
– परीक्षकों द्वारा कॉपी जांच के बाद, एमपीपी द्वारा ओएमआर पर अंक भरा गया, इससे समय की बचत हुई।
– प्रश्न पत्र के दस सेट किये गये, इससे कहीं पर नकल आदि की घटना हुई तो सभी केंद्रों की परीक्षा रद्द नहीं करना पड़ी।
रिजल्ट जारी करने की तिथि
2018 छह जून, 2019 30 मार्च,2020 24 मार्च ,2021 26 मार्च,2022 16 मार्च